यदि आप लखनऊ की यात्रा पर आएं हैं अथवा लखनऊ के ही निवासी हैं और आप धार्मिक स्थानों का भ्रमण करना चाहते हैं तो पुरे लखनऊ में यूँ तो हिन्दू और इस्लाम धर्म से सम्बंधित कई धार्मिक स्थान मिल जाएंगे जो अत्यंत दर्शनीय हैं परन्तु यदि आप हिन्दू धर्म में विश्वास रखते हैं और किसी हिन्दू धार्मिक स्थल का भ्रमण करना चाहते हैं तो आपके लिए लखनऊ शहर से उत्तर दिशा में करीब 30 किलोमीटर दूर प्रकृति के गोद में निर्मित चन्द्रिका देवी मंदिर स्थल एक बेहतरीन दर्शनीय स्थल साबित हो सकता है।
चन्द्रिका देवी मंदिर (Chandrika Devi Temple):
चन्द्रिका देवी मंदिर वैसे तो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित है परन्तु यह मुख्य शहर से थोड़ी दूर गोमती नदी के गोद में अवस्थित है। चन्द्रिका देवी के पावन मंदिर के पीछे तीन तरफ से गोमती नदी बहते हुए लखनऊ शहर में प्रवेश करती है। चन्द्रिका देवी मंदिर लखनऊ शहर के वासियों के साथ-साथ आस-पास के जिलों के लोगों के लिए भी आस्था का बड़ा केंद्र है।
लोग यहाँ बड़े ही आस्था भाव के साथ-साथ अपने परिवार को एक सुख-शान्ति का अहसास करवाने पहुँचते हैं। यह मंदिर आस्था के केंद्र के साथ-साथ एक दर्शनीय स्थल भी है जो यहाँ पहुँचने वाले भक्तों को भक्ति के साथ-साथ प्रकृति के अनुपम सुख की भी अनुभूति करवाता है.
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मंदिर का इतिहास (History of the temple):
यह मंदिर हिन्दू देवी दुर्गा माता के एक रूप देवी चन्द्रिका से सम्बंधित है। वैसे तो इस मंदिर का इतिहास करीब 300 वर्ष पुराना है लेकिन इस स्थान पर माता का निवास प्राचीन काल से ही है। इस मंदिर के विषय में कई कथाएं प्रचलित हैं जो अत्यंत ही रोचक हैं और हमे इस मंदिर की विशेषता की कहानी भी बताती हैं.
इन्ही प्राचीन कथाओं में से एक कथा के अनुसार एक बार भगवान् राम के छोटे भाई लक्षम्ण के बड़े पुत्र राजकुमार चंद्रकेतु अश्वमेघ के घोड़े के साथ यहाँ से गुजर रहे थे। राजकुमार चंद्रकेतु जब यहाँ पहुंचे तो उस समय तक रात हो गई. रात होने के कारण चंद्रकेतु को यहीं रुकना पड़ा। चारो तरफ घना जंगल था, जंगली जानवरों के साथ-साथ अन्य चीजों का डर भी था उन्हें।
अतः राजकुमार चंद्रकेतु ने देवी चन्द्रिका से अपनी सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। चंद्रकेतु के प्रार्थना सुनकर माँ चन्द्रिका देवी वहां प्रकट हुईं. उन्होंने राजकुमार चंद्रकेतु का हाल-चाल लिया और उन्हें याद करने का कारण पूछा तब राजकुमार ने अपनी पूरी आपबीती माता से बताई. माँ चन्द्रिका देवी ने उन्हें आश्वस्त रहने को कहा तथा उनकी पूरी सुरक्षा वादा किया।
एक दूसरी कथा के अनुसार एक बार भगवान् श्री कृष्ण ने घटोत्कच के बेटे बार्बरिक को भी देवी चन्द्रिका के शरण में जाकर ध्यान लगाने के लिए सलाह दिया ताकि उसके शक्ति में बढ़ोतरी हो सके। बार्बरिक ने भगवान् कृष्ण के कहे अनुसार ही देवी के शरण में तीन वर्ष तक कठिन तपस्या किया तो उसे असीम शक्ति का लाभ मिला।
मंदिर का निर्माण:
प्राचीन काल में यदि यहाँ पर किसी मंदिर की अवस्थापना हुई होगी तो उसके कोई ठोस आधार तो नही है लेकिन आज से करीब 300 साल पहले जब इस क्षेत्र के ग्रामीणों को चन्द्रिका देवी के इस स्थान के बारे में पता चला तो लोग अतिप्रसन्न हुए और लोगों ने माता के नाम के जयकारे लगाए.
जैसे-जैस लोगों में यह खबर फैली तो भारी संख्या में लोग यहाँ इकठ्ठा होने लगे और देवी के भक्ति में लीन होने लगे. माता के प्रति लोगों केअपार श्रद्धा भाव को देखते हुए इस स्थान पर माँ चन्द्रिका देवी के मंदिर के निर्माण का प्रण लिया गया. ग्रामीणों ने बड़ी मेहनत से इस मंदिर का निर्माण करवाया और तभी इस इस मंदिर में दूर-दूर से लोगों की भारी भीड़ देवी के दर्शन हेतु हमेशा पहुँचती रहती है.
मेला का आयोजन:
इस मंदिर की प्रसिद्धि का आलम यह है कि प्रत्येक नवरात्रि के समय यहाँ भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. मेले में लाखों की संख्या में लोग यहाँ पहुँचते हैं. लोगो का उद्देश्य मात्र मेले का आनंद लेना नही बल्कि माता के दर्शन करना भी होता है. इसके अलावा अन्य हिन्दू त्योहारों के दिन भी यहाँ भक्तों की भारी भीड़ इकट्ठी होती है और मेला का आयोजन किया जाता है।
माँ चन्द्रिका देवी के मंदिर परिसर में सैकड़ों की संख्या में दुकाने वर्ष भर सजी रहती हैं. इन दुकानों में कुछ दुकाने माता के दरबार के लिए प्रसाद की बिक्री के लिए होती हैं. वहीं अन्य दुकानों में तरह-तरह के साज-सज्जा की वस्तुएं, महिलाओं के श्रृंगार की वस्तुएं, बच्चों के खेल-खिलौने इत्यादि बिकते रहते हैं.
यहाँ तरह-तरह के देशी पकवान जैसे चाट-पकौड़े, समोसे, गोलगप्पे, चाय, दही, लस्सी इत्यादि की दुकाने भी सजतीं हैं जहाँ लोग माता के दर्शन के बाद अपने परिवार के साथ बैठते हैं और हंसी-मजाक करते हुए इन पकवानों का आनंद लेते हैं.
मंदिर से लौटते समय आप अपने लिए अनेक घरेलु उपयोग के सामग्री भी खरीद सकते हैं. घरेलु सामग्री की दुकानों पर लोगों की अच्छी-खासी भीड़ दिखाई दे जाती है. अब तो यहाँ आने वाले शैलानियों के लिए कुछ बड़े व्यवसाइयों ने स्विमिंग पूल, लॉज, होटल इत्यादि की भी सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं.
उपरोक्त सभी वक्तव्यों का सार यह है कि माँ चन्द्रिका देवी मंदिर अपने-आप में लखनऊ शहर के पास एक बहुत बड़ा धार्मिक पूजा स्थल के साथ-साथ पर्यटन स्थल भी है जहाँ आप सभी को अवश्य जाना चाहिए.
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