कितना अजीब है ना कि जिस कार्यक्षेत्र के लिए किसी को मंत्री बनाया जाय, वह उसी कार्यक्षेत्र में फिसड्डी निकले। ऐसा ही कुछ वाकया हुआ झारखण्ड राज्य में। झारखण्ड राज्य के कैबिनेट में शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो मात्र हाईस्कूल पास हैं और हाल ही में उन्होंने 11वीं में अपना एडमिशन करवाया है। कहानी कुछ यूँ हैं कि जगनाथ महतो 1995 में हाईस्कूल पास हुए थे और उसके बाद उन्होंने कोई पढाई नहीं की लेकिन जब उन्हें शिक्षा मंत्रालय का कार्यभार दिया गया तभी से एक पक्ष उनके कम शिक्षित होने को लेकर विरोध में खड़ा हो गया।
अब मंत्री जी करें तो क्या करें, उन्हें कोई और रास्ता ना सुझा तो उन्होंने 11वीं में अपना एडमिशन करवा लेना उचित समझा। अब झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के ही Educational Qualification को देखें तो पता चलता है कि वह मात्र Intermediate Pass out हैं और अपने मैकेनिकल इंजीनियरिंग के पढाई में फेल हो चुके हैं।
अब अगर भारतीय राजनीति के नेताओं के Educational Qualification की बात करें तो
अधिक शिक्षित नेताओं में
डॉ. मनमोहन सिंह
पी. चिदंबरम
शशि थरूर
कपिल सिब्बल
सुब्रमण्यम स्वामी
डॉ. हर्षवर्धन
सबसे कम शिक्षित नेताओं में,
राबड़ी देवी
गोलमा देवी
उमा भारती
जयललिता
एम्. करूणानिधि
मेनिका गांधी
इत्यादि नाम आते हैं।