वो कहा जाता है न कि ऊपर वाला जब देता है तो छप्पर फाड़ के देता है। कुछ ऐसा ही केरल राज्य के इडुक्की जिले के अनंतु विजयन के साथ हुआ। अनंतु विजयन वहां के एक मंदिर में क्लर्क का काम करते हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। इस साल कोरोना से हुए लॉक डाउन में उनके बहन की भी जॉब चली गई थी जिससे उनकी पारिवारिक स्थिति और अधिक ख़राब हो गई थी। लेकिन कहा जाता है न कि जब ऊपर वाला आपके लिए कुछ बड़ा सोच कर रखा होता है तो कोई भी परेशानी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती।
अनंतु ने इस साल केरल के प्रसिद्ध त्यौहार ओणम पर ओणम बम्पर लॉटरी-2020 में 300 रूपये का एक टिकट लिया था लेकिन यह टिकट उनका जीवन बदलने वाला साबित होगा उनको इस बात का बिलकुल भी अंदाजा नहीं था। इस रविवार जब केरल सरकार ने ओणम बम्पर लॉटरी-2020 के विजेताओं की घोषणा की तो अनंतु के नाम 12 करोड़ रूपये की लॉटरी लगी। अनंतु बताते है कि उन्हें इस बात पर बिलकुल भी विश्वास नहीं हुआ कि उन्होंने इतना बड़ा रकम जीत लिया है लेकिन अनंतु को अब विश्वास हो या ना हो लेकिन वो अब करोड़पति बन गए हैं। इस लॉटरी से जीते 12 करोड़ में से सभी टैक्सेज काटकर अनंतु को 7.5 करोड़ रूपये की राशि मिलेगी। इसके पहले भी अनंतु लॉटरी में 5000 रूपये जीत चुके हैं।
दुनिया में कब शुरू हुई थी लॉटरी?
दुनिया में सबसे पहले 205 से 187 बीसी के आस-पास चीन के हान डायनेस्टी में लॉटरी के शुरू होने का अनुमान है। कहा जाता है कि चीन के महान दीवार के निर्माण में सहयोग के लिए लॉटरी जैसे किसी माध्यम से धन इकठ्ठा किया गया था। उसके बाद रोमन साम्राज्य के समय में भी लॉटरी के तरह के कुछ खेल प्रचलन में थे। यूरोपीय देशों में सबसे पहले लॉटरी खेल के साक्ष्य नीदरलैंड, फ्रांस, इंग्लैंड, स्पेन सहित अन्य देशों से मिलते हैं। यूरोपीय देशों के अलावा अमेरिका में भी लॉटरी बहुत अधिक प्रचलन में है।
भारत में लॉटरी का प्रचलन?
भारत में लॉटरी का प्रचलन सबसे पहले केरल राज्य से मिलता है। केरल में वर्ष 1967 में सभी प्राइवेट लॉटरी को बंद कर राज्य सरकार द्वारा लॉटरी टिकट शुरू कर दिया गया था। केरल राज्य में लॉटरी के बढ़ते प्रचलन और उससे होने वाले आय को देखकर भारत के अन्य राज्यों द्वारा भी लॉटरी को वैध कर राज्य सरकार द्वारा ही लॉटरी टिकट जारी किया जाने लगा। मौजूदा समय में भारत के लगभग 13 राज्यों में राज्य सरकारों द्वारा ही लॉटरी टिकट जारी किये जाते हैं। केरल राज्य को फिस्कल ईयर 2017-18 में लॉटरी से 908 करोड़ रूपये GST कलेक्शन हुआ था तथा कुल आय 1691 करोड़ रूपये का हुआ था।
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