अगर दिल में हिम्मत और जूनून हो तो कुछ भी किया जा सकता है। आज ऐसी ही एक कहानी से आपको रूबरू करवाएंगे। यह कहानी है एक ऐसे जुनूनी और हिम्मती पर्वतरोही की है जिसने एक या दो बार नहीं बल्कि 10 बार बिना ऑक्सीजन सिलिंडर लिए दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवेरस्ट को फतह किया। हम जिनकी बात कर रहे हैं उनका नाम है अंगरिता शेरपा है लेकिन इनकी काबिलियत और हुनर के कारण इन्हे स्नो लेपर्ड के नाम से जाना जाता है।
अंगरिता शेरपा का जन्म नेपाल के थामे, सोलुखुंबू में वर्ष 1948 में हुआ था। वह बचपन से ही पर्वतों पर लोगों का सामान ढोने का काम करते थे। अंगरिता 20 वर्ष की आयु में ही दुनिया के 6ठे सबसे ऊँचे पर्वत माउंट चो यू को फतह कर चुके थे। वह माउंट चो यू, अनुपूर्णा, धौलागिरी सहित कई पर्वतो को लगभग 18 बार बिना ऑक्सीजन के फतह कर चुके हैं।
अंगरिता शेरपा वर्ष 1983 में पहली बार माउंट एवेरेस्ट पर चढ़े थे और उसके बाद वर्ष 1996 तक 13 वर्षों में लगभग 10 बार माउंट एवेरेस्ट पर बिना ऑक्सीजन सिलिंडर चढ़े थे। वह दुनिया के पहले पर्वतारोही थे जिन्होंने ठंडी के मौसम में भी बिना ऑक्सीजन सिलिंडर लिए माउंट एवरेस्ट को फतह किया था। वर्ष 2017 में उन्होंने बिना ऑक्सीजन सिलिंडर लिए सर्वाधिक बार माउंट एवरेस्ट फतह करने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाया था जो कि वर्ष 2020 तक बरकरार रहा था।
अंगरिता शेरपा के तीन बेटे और एक बेटी थी। उनका बड़ा बेटा भी पर्वतारोही था और 9 बार एवरेस्ट पर चढ चुका था। वर्ष 2012 में एक चढ़ाई के दौरान उसकी मौत हो गई थी। उनका दूसरा बेटा भी 5 बार माउंट एवरेस्ट पर चढ चुका है।
अंगरिता शेरपा को नेपाल सरकार द्वारा “ऑर्डर ऑफ दक्षिण बहू” और “ऑर्डर ऑफ त्री शक्ति पट्टा” से सम्मानित किया जा चुका है। शेरपा वर्ष 1996 में अपनी बीमारी के कारण पर्वतारोहण के काम से रिटायर हो गए थे। उसके बाद वह अपनी बेटी के साथ काठमांडू में रहते थे। 21 सितम्बर 2020 को उनकी मृत्यु हो गई।