आपने बहुत बार बहुत से लोगों से यह सुना होगा कि हम बड़े भाग्यवान हैं कि हमे भारत भूमि पर जन्म मिला। क्या आपने कभी ये जानने का प्रयास किया कि ऐसा क्यूँ कहा जाता है। दरअसल भारत अनेक राज्यों का एक संगठित समूह है और प्रत्येक राज्य अपने आप में बहुत ही ख़ास विशेषताओं को समेटे हुए हैं जिन्हे जानना अपने आप में एक तीर्थाटन से कम नहीं है।
इसलिए इस क्रम में आज हम भारत के देवभूमि के नाम से विख्यात उत्तराखंड के सबसे पवित्र स्थल और योग नगरी ऋषिकेश के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आपके समक्ष रखने का प्रयास कर रहे हैं ताकि आप भी अपने देश में स्थित इस महत्वपूर्ण शहर के बारे में विधिवत जानकारी हासिल कर पाएं।
ऋषिकेश (Rishikesh):
यह उत्तराखंड के सबसे पवित्र स्थलों की सूची में शामिल है। ऋषिकेश प्राचीन काल से ही हिन्दू धर्म के ऋषि-मुनियों, संतो, सन्यासियों, तपस्वियों के लिए अत्यंत उपयुक्त स्थल रहा है। यह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 45 किलोमीटर दूर तथा उत्तराखंड के एक अन्य प्रमुख शहर हरिद्वार से 21 किलोमीटर दूर स्थित है। ऋषिकेश को ‘विश्व की योग राजधानी (Yoga Capital of the World)’ उपनाम से भी जाना जाता है। प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में तीर्थयात्री, पर्यटक ऋषिकेश पहुँचते हैं।
ऋषिकेश के दर्शनीय स्थल:
गंगा नदी के किनारे पर बसा यह शहर तीर्थयात्रियों और सैलानियों के लिए अपने आप में बहुत कुछ समाहित किये हुए है जिसके दीदार के लिए यहाँ लोग पहुँचते तो हैं लेकिन एक बार यहाँ की सुंदरता को निहारने के बाद यहीं के होकर रह जाते हैं। तो आईये आपको इस शहर के कुछ प्रमुखः दर्शनीय स्थलों से रूबरू करवाते हैं।
लक्ष्मण झूला (Lakshman Jhoola):
ऋषिकेश शहर से 5 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व दिशा में यह झूला स्थित है। प्राचीन विद्वानों के अनुसार एक बार भगवान् श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण पटसन (Jute) के दो रस्सियों के सहारे गंगा नदी को पार किये थे। अतः जिस स्थान पर उन्होंने गंगा नदी पार किया था उसी स्थान पर बाद में इस लक्ष्मण झूले का निर्माण किया गया।
वर्तमान समय में झूले के अत्यधिक पुराने होने के कारण लोगों के आवागमन के लिए इसे बंद कर दिया गया है। इसी स्थान पर एक दूसरा झूला प्रस्तावित है जिसके निर्माण के पश्चात फिर से लक्ष्मण झूला लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। लक्ष्मण झूला का निर्माण वर्ष 1939 में अंग्रेजों द्वारा करवाया गया था।
राम झूला (Ram Jhula):
ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला के समान ही राम झूला भी गंगा नदी पर निर्मित है। यह झूला लोहे से बना एक सस्पेंशन ब्रिज है। इसका निर्माण वर्ष 1986 में किया गया था। यह झूला गंगा नदी के एक किनारे पर स्थित टिहरी गढ़वाल जिले के मुनि की रेती को दूसरे किनारे पर स्थित पौड़ी गढ़वाल जिले के स्वर्गाश्रम से जोड़ता है। राम झूला की लम्बाई करीब 230 मीटर है तथा इस पर मोटर साइकिल से भी जाया जा सकता है।
त्रिवेणी घाट की गंगा आरती:
ऋषिकेश हिन्दू धर्म का एक अत्यंत पवित्र स्थल है जहाँ हिन्दू धर्म में विश्वास रखने वाले लोग अत्यधिक संख्या में पहुँचते हैं। हिन्दू धर्म में आरती का बहुत ही महत्व है इसलिए ऋषिकेश में गंगा नदी के किनारे स्थित त्रिवेणी घाट पर प्रत्येक दिन शाम के 5 बजे गंगा आरती का आयोजन किया जाता है। यह गंगा आरती धार्मिक विश्वास रखने वाले लोगों के साथ-साथ अन्य पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का बड़ा केंद्र है। हजारों की संख्या में लोग यहाँ पहुँचते हैं और गंगा आरती के साथ बज रहे ढोल-बाजे की आवाज पर थिरकते भी हैं।
ऋषिकेश में राफ्टिंग (Rafting in Rishikesh):
यहाँ पहुँचने वाले सभी पर्यटकों में से खासतौर पर युवा वर्ग के मन में एक अलग रोमांच होता है। इस वर्ग का यह रोमांच यहाँ होने वाले रिवर राफ्टिंग के प्रति होता है। ऋषिकेश पुरे भारत में राफ्टिंग का सबसे बड़ा केंद्र है। यहाँ गंगा नदी पर राफ्टिंग की जाती है। गंगा नदी के विशेष बनावट के कारण यहाँ राफ्टिंग संभव है।
ऋषिकेश में राफ्टिंग के लिए अलग-अलग जोन बनाए गए हैं जिन्हे ग्रेड-1, ग्रेड-2, ग्रेड-3, ग्रेड-4 तथा ग्रेड-5 के नाम से बांटा गया है। इन सभी ग्रेड में रोमांच का लेवल बढ़ता जाता है। यहाँ गंगा नदी में हाई जम्प की भी व्यवस्था है जो कि प्रशिक्षित और सर्टिफाइड लोगों के देख-रेख में किये जाते हैं।
बंजी जंपिंग (Bungee Jumping):
यदि आप ऋषिकेश पहुँचते हैं और आपने बंजी जंपिंग को मिस कर दिया तो समझों आपने अपने जीवन का सबसे बड़ा रोमांचक क्षण मिस कर दिया। ऋषिकेश की बुंजी जंपिंग पुरे भारत की सबसे ऊँची बंजी जंपिंग है। इसकी ऊंचाई करीब 83 मीटर है। यहाँ अब तक लाखों की संख्या में लोगों ने इस रोमांच का लुत्फ़ उठाया है। ऋषिकेश से 25 किलोमीटर दूर मोहनचट्टी में एक चोटी पर यह बंजी जंपिंग स्टेशन बनाया गया है। यह बंजी जंपिंग प्रत्येक मंगलवार को बंद रहता है।
फ्लाइंग फॉक्स (Flying Fox):
यदि आप ऋषिकेश भ्रमण के लिए जाते हैं और आपने वहां फ्लाइंग फॉक्स का मजा नहीं उठाया तो आपकी यह यात्रा थोड़ी-थोड़ी अधूरी रह जायेगी। अपने ऋषिकेश ट्रिप को और भी मजेदार और रोमांचक बनाने के लिए आप फ्लाइंग फॉक्स करने जरूर जाएँ। दरअसल ऋषिकेश से 25 किलोमीटर दूर मोहनचट्टी नामक स्थान पर फ्लाइंग फॉक्स सेंटर है।
यह 1 किलोमीटर लम्बा एक रोपवे है जिसपर एक बार में तीन लोग फ्लाइंग फॉक्स कर सकते हैं। फ्लाइंग फॉक्स करते समय आप ऋषिकेश के खूबसूरत हरे-भरे पहाड़ों के साथ-साथ गंगा की कलकल धारा को काफी नजदीक से महसूस कर सकते है। यह एशिया का सबसे लम्बा फ्लाइंग फॉक्स सेंटर है जिसकी गति 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है।
अगर आप 3 लोगों के समूह में फ्लाइंग फॉक्स करते हैं तो इसके टिकट का मूल्य लगभग 2000 रूपये प्रति व्यक्ति होगा लेकिन यदि आप अकेले इसका आनंद उठाना चाहते हैं तो आपको थोड़े और अधिक धन खर्च करने पड़ेंगे। इस ट्रिप से वापस आने के बाद आपके रिफ्रेशमेंट के लिए वहां एक कैंटीन भी है जहाँ आपके इस खूबसूरत ट्रिप के फोटोज और वीडियोज भी मिल जाते हैं।
विश्व योग उत्सव (International Yoga Festival):
ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम में वर्ष 1999 से प्रत्येक वर्ष ‘विश्व योग उत्सव (International Yoga Festival)’ का आयोजन किया जाता है। यह प्रत्येक वर्ष मार्च माह में आयोजित किया जाता है जहाँ दुनिया भर के महानतम योग प्रशिक्षुओं द्वारा योग सिखाया जाता है। विश्व योग उत्सव लगभग एक सप्ताह तक मनाया जाता है जहाँ लगभग 70 घंटे के योग कक्षा का आयोजन किया जाता है। इस उत्सव के कारण मार्च महीने में दुनिया भर से बड़ी संख्या में योग प्रेमी पहुँचते हैं।
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