15 अगस्त 2020 के शाम अचानक लोग एक दूसरे को यह बताते हुए बहुत दुःख व्यक्त करने लगे कि “महेंद्र सिंह धोनी ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया है।” और अब हम लोग आगे उनके किसी भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच को नहीं देख पाएंगे। लोग क्रिकेट में उनके द्वारा दिखाए गए हुनर की तारीफ़ किये बिना नहीं थक रहे थे, कोई उनके विकेट कीपिंग के अंदाज की तारीफ़ किये जा रहा था तो कोई उनके स्टंप आउट करने के तरीके का गुणगान किये जा रहा था, कोई उनके हेलीकाप्टर शॉट को रिमार्केबल बता रहा था तो किसी को अचानक वो क्षण याद आ गया जब धोनी नूजीलैंड के साथ सेमीफाइनल के अपने आखिरी मैच में रन आउट होकर आँखों में आंसू लेकर मैदान से बाहर आये थे। अभी इन सभी मुद्दे पर लोग आपस में बात कर ही रहे थे कि तभी इंडियन क्रिकेट टीम में महेंद्र सिंह धोनी के हमराही रहे सुरेश रैना के भी सन्यास लेने की न्यूज़ आ गई।
लोगों में बड़ी उत्सुकता थी कि ऐसी क्या बात है जो दोनों खिलाड़ी एक ही दिन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिए। इस सम्बन्ध में कुछ लोगों की राय थी कि दोनों एक दूसरे के बहुत अच्छे मित्र थे इसलिए उन्होंने ऐसा किया, कुछ लोगों का मत था कि उन दोनों का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर अब ख़त्म हो गया था इसलिए दोनों ने एक साथ ही सन्यास ले लिया।
लेकिन दोनों खिलाड़ियों का एक ही साथ सन्यास लेने का वास्तविक क्या कारण था वो बताया खुद सुरेश रैना ने। सुरेश रैना के अनुसार “महेंद्र सिंह धोनी का जर्सी नंबर है 7 और मेरा टवेंटी-20 जर्सी नंबर है 3, अब अगर दोनों नंबर को एक साथ रखा जाये तो ये बन जाता है 73 और इस वर्ष 15 अगस्त को भारत अपने आजादी के 73 वर्ष पूरे होने की ख़ुशी मना रहा था। इसीलिए उन दोनों खिलाड़ियों ने सोचा कि उनके सन्यास लेने के लिए इससे बड़ा दिन कोई और नहीं हो सकता।”
गौरतलब हो कि महेंद्र सिंह धोनी ने अपना आखिरी मैच 9 जुलाई 2019 को नूजीलैंड के खिलाफ खेला था जबकि सुरेश रैना ने अपना आखिरी मैच 17 जुलाई 2018 को इंग्लैंड के खिलाफ खेला था।