इस दुनिया का हर एक व्यक्ति अपने तरह से अपना जीवन जी रहा है। कुछ लोग जी-तोड़ मेहनत कर खुद को और अपने परिवार को सुखी रखना चाहते हैं और रखते भी हैं, वहीँ कुछ लोग अपने परिवार के साथ-साथ अपने जान-पहचान के लोगों की मदद भी कभी-कभी निस्वार्थ भाव से कर देते हैं। वहीँ इस दुनिया में बड़ी कम संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो अपना पूरा जीवन दूसरे की भलाई करने में बिता देते हैं। आज हम बात कर रहे हैं ऐसे ही एक व्यक्तित्व ‘अब्दुल सत्तार एदी (Abdul Sattar Edhi)’ के बारे में जिन्होंने अपना पूरा जीवन दूसरों की भलाई करने में बिता दिया और इंसानियत की एक नई इबारत लिख दी।
अब्दुल सत्तार एदी:
अब्दुल सत्तार एदी का जन्म वर्ष 1928 में पाकिस्तान के एक छोटे से क्षेत्र बंटवा में हुआ था। बचपन से ही एदी दूसरों के सेवा-भाव में लगे रहते थे। दुर्भाग्यवश जब वे 11 वर्ष के थे तभी उनकी माँ को लकवा मार दिया जिससे वह चलने-फिरने में असमर्थ हो गई। अतः अब्दुल सत्तार एदी को मजबूरन अपनी पढाई बीच में छोड़नी पड़ी और वे अपनी माँ की सेवा-सुश्रुषा में लग गए। उन्होंने पुरे मन से अपने माँ की अंतिम समय तक सेवा की। माँ की सेवा करते समय ही अब्दुल सत्तार के मन में लोगों की सेवा करने का बीज पड़ गया था। अतः अपनी माँ की मृत्यु के उपरांत उन्होंने एक मुफ्त दवाखाना खोल लिया जिसके माध्यम से वे लोगों को मुफ्त सेवाएं देने लगे।
समय के साथ-साथ एदी का कारवां बढ़ता गया और उनके साथ लोग जुड़ते गए। धीरे-धीरे उन्होंने वर्ष 1951 में ‘एदी फाउंडेशन’ की नीव डाली और इस फाउंडेशन के अंतर्गत लोगों को मेडिकल सुविधा के साथ-साथ हर प्रकार की आवश्यक सुविधाएँ पहुंचाने लगे।
एदी फाउंडेशन:
Edhi Foundation Logo (Photo Source: Wikipedia)
एदी फाउंडेशन पाकिस्तान के साथ-साथ दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन है जो वर्ष 1951 से ही लगातार लोगों को मदद पहुंचाते आ रहा है। वर्तमान समय में एदी फाउंडेशन बहुत ही विस्तृत रूप ले चुका है। इस फाउंडेशन का मुख्यालय पाकिस्तान के कराची शहर में है। इसके अलावा एदी फाउंडेशन के कार्यालय दुनिया के अनेक देशों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, भारत, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, जापान सहित अन्य देशों में भी स्थित है। एदी फाउंडेशन के अंतर्गत दुनिया का सबसे बड़ा एम्बुलेंस नेटवर्क कार्य करता है जिसमे एम्बुलेंसों की संख्या 5000 से अधिक है। एदी फाउंडेशन द्वारा पाकिस्तान में 10 से अधिक अस्पतालों, 2 ब्लड बैंक, कैंसर हॉस्पिटल, मोबाइल दवाखाना, इत्यादि का संचालन किया जाता है। एदी फाउंडेशन द्वारा संचालित अस्पतालों के बाहर एक विशेष झूला लगा होता है जिसमे यदि कोई व्यक्ति अपने किसी नवजात बच्चे को छोड़ना चाहे तो छोड़ सकता है। लोगों द्वारा उसमे छोड़े गए बच्चे को फाउंडेशन जरुरत मंद व्यक्तियों को गोद दे देता है।
एदी फाउंडेशन के अंतर्गत एयर एम्बुलेंस के लिए 1 हेलीकाप्टर, 2 प्राइवेट जेट और जल एम्बुलेंस के लिए 25 से अधिक बोट हैं। एदी फाउंडेशन के पास वर्ष 1997 से दुनिया में सबसे बड़े एम्बुलेंस तंत्र को संचालित करने का ‘गिनीज वर्ल्डस रिकॉर्ड’ है।
Edhi Foundation Ambulance (Photo Source: Wikipedia)
एदी फाउंडेशन के अंतर्राष्ट्रीय मदद:
एदी फाउंडेशन केवल पाकिस्तान ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को मदद मुहैया कराता है। एदी फाउंडेशन द्वारा दुनिया में महामारी के समय भी देशों को फण्ड मुहैया करवाया जाता है। इस फाउंडेशन ने कैटरीना तूफ़ान के समय अमेरिका सहित अन्य प्रभावित देशों को मदद पहुँचाया था। इसके अलावा अप्रैल-2021 में भारत में कोरोना वायरस से हो रहे मौतों के समय भी इस फाउंडेशन द्वारा मदद मुहैया कराने की अपील की गई थी।
अब्दुल सत्तार एदी की मृत्यु:
वर्ष 2016 में एदी फाउंडेशन के संस्थापक अब्दुल सत्तार एदी की मृत्यु किडनी फेलियर के कारण हो गई। उन्होंने अपने मौत से पहले अपने प्रतिनिधियों से कहा था कि उनकी मौत के बाद उनके अंगों को दान कर दिया जाए लेकिन उनके अधिकतर अंग बेकार हो चुके थे इसलिए मात्र उनके आँख की कॉर्निया को ही दान किया गया। उनके मौत के उपरांत उनके आवास के बाहर लोगों का बहुत बड़ा हुजूम लग गया था। एदी के मौत के बाद एदी फाउंडेशन का नेतृत्व उनके पुत्र फ़ैसल एदी के द्वारा किया जा रहा है।