चीन अपनी विस्तारवादी नीति के कारण पिछले कुछ वर्षों से पूरी दुनिया में विरोध झेल रहा है। चीन हमेशा अपने से कमजोर देशों पर अधिकार जमाने का प्रयास करता रहता है। दक्षिण चीन सागर के साथ साथ अपने देश के सीमा से लगे देशों में अपनी विस्तारवादी नीति के कारण वह हमेशा विवादों में रहता है। कोरोना वायरस, जिससे कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई, इस वायरस के प्रकोप के पीछे भी चीन का हाथ होने के वजह से पूरी दुनिया में इसका विरोध और बढ़ गया।
शी जिनपिंग का अपने ही देश में विरोध
चीन के इस विस्तारवादी नीति के पीछे वहां के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बड़ा हाथ है। शी जिनपिंग के विस्तारवादी नीतियों के कारण ही चीन पूरे विश्व में अपनी प्रतिष्ठा खो चुका है। लेकिन अब शी जिनपिंग की नीतियों का विरोध खुद उसके देश में ही होने लगा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के “सेंट्रल पार्टी स्कूल” में राजनीति शास्त्र की प्रोफेसर रहीं काई शिया ने बताया कि शी जिनपिंग का उनके पार्टी के भीतर ही अब काफी विरोध हो रहा है। काई शिया ने शी जिनपिंग पर आरोप लगाते हुए कहा कि शी जिनपिंग अपने ही देश को बर्बाद कर रहें हैं, वह चीन को बर्बादी की तरफ ले जा रहे हैं।
दरअसल हाल ही में चीन में वायरल एक ऑडियो में काई शिया, शी जिनपिंग की आलोचना कर रहीं थीं। ऑडियो के वायरल होने पर पार्टी द्वारा काई को निकाल दिया गया जिसके बाद उन्होंने कहा कि पार्टी में और भी बहुत से लोग हैं जो पार्टी से बाहर निकलना चाहते हैं।
काई शिया ने आगे कहा कि चीन को दुनिया का दुश्मन बनाने में शी जिनपिंग का ही हाथ है। उनके अनुसार शी जिनपिंग, चीन को विकास की राह पर नहीं बल्कि बर्बादी के राह पर ले जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि लोग उनसे डरते हैं इसलिए कोई कुछ नहीं बोलता। शी जिनपिंग ऐसा करते हैं क्यूंकि अब पार्टी और देश पर उनका पूरा प्रभुत्व है।
Xi Jinping के बारे में
About Xi Jinping
शी जिनपिंग वर्ष 2012 में Genreal Secretary of the Communist Party चुने गए और 2013 में चीन के राष्ट्रपति (President of People’s Republic China) चुने गए। इसके अलावा वह सेना प्रमुख (Chairman of the Central Military Commission) के रूप में 2012 से कार्यरत हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के तरफ से शी जिनपिंग को 2016 से Leadership Core का टाइटल प्राप्त है। कुल मिलाकर शी जिनपिंग के पास चीन के सभी प्रतिष्ठित पद हैं और वह अब चीन में Paramount Power है।