अब यह संयोग है या कुछ और ये तो अभी कहना मुश्किल है लेकिन फिर से एक बार यूपी पुलिस की गाड़ी अपराधी को ले जाते समय पलट गई जिसमें पुलिस वालों को तो बस चोटें आईं लेकिन अपराधी फिरोज अली की मौत हो गई।
अपराधी लखनऊ से था फरार
फिरोज बहराइच निवासी था। वर्ष 2014 में लखनऊ के ठाकुरगंज में उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था और तभी से वह फरार चल रहा था। उसके मुंबई में होने की खबर मिलने के बाद यहां से पुलिस टीम के साथ उसका साढू अफजल खान भी गया था।
मध्य प्रदेश में हुआ एक्सीडेंट
पुलिस जब फिरोज अली को गिरफ्तार कर उत्तर प्रदेश ला रही थी तब मुंबई से उत्तर प्रदेश के रास्ते में मध्य प्रदेश के गुना जिले के पखरिया टोल प्लाजा के पास गाड़ी का एक्सिडेंट हो गया जिसमें पुलिस कर्मियों को चोटें आईं, आरोपी के साढू अफजल खान का हाथ फ्रैक्चर हो गया लेकिन संयोगवश आरोपी फिरोज अली की मौत हो गई। पुलिस टीम के इंस्पेक्टर जगदीश प्रसाद पाण्डेय ने गुना पुलिस अधिकारियों को बताया कि सड़क पर अचानक गाय के आ जाने से यह ऐक्सिडेंट हो गया था।
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आरोपी के अलावा सभी सुरक्षित
गुना के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस ऐक्सिडेंट में दो पुलिस कर्मियों जगदीश प्रसाद पाण्डेय और संजीव के अलावा ड्राइवर शुलभ मिश्रा तथा आरोपी के साढू अफजल को चोटे आईं हैं जबकि आरोपी फिरोज की मौत हो गई। इस मामले के न्यायिक जांच के लिए जिला एवं सत्र न्यायालय से निवेदन किया गया है।
कानपुर वाले विकास दुबे का एनकाउंटर
गौरतलब हो 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के साथ-साथ अन्य कई मामलों के आरोपी विकास दुबे को भी यूपी पुलिस ने उज्जैन, मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया था और उसे उत्तर प्रदेश लाते समय रास्ते में ही उस गाड़ी का एक्सिडेंट हो गया जिसमें विकास दुबे था। ऐक्सिडेंट के बाद विकास दुबे ने भागने का प्रयास किया था जहां पुलिस कर्मियों द्वारा उसका एनकाउंटर कर दिया गया था।
चित्रकूट के विजय मिश्रा को भी एनकाउंटर का खौफ
विकास दुबे के एनकाउंटर होने के बाद चित्रकूट के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा को भी जब उत्तर प्रदेश पुलिस मध्य प्रदेश के आगर-मालवा से उत्तर प्रदेश लाना चाह रही थी तब उन्होंने अपने एनकाउंटर होने का डर जताया था और एक हाई प्रोफाइल ड्रामा भी किया था। उनका कहना था कि मुझे उत्तर प्रदेश पुलिस पर विश्वास नहीं है, अगर पुलिस सड़क के रास्ते मुझे ले जाएगी तो मेरा भी एनकाउंटर किया जा सकता है।