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अगर किसी के साथ अन्याय पर अन्याय होता रहे तो वह क्या करे? किससे न्याय की उम्मीद लगाएगा? किस पर भरोसा कर न्याय की भीख मांगेगा? ठीक कुछ ऐसा ही हाल इस समय हाथरस रेप पीड़िता के परिवार वालों का हैं। पीड़िता के रेप होने के दिन 14 सितम्बर से ही उनकी मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। पहले उन्होंने अपनी बेटी खोई और अब न्याय की उम्मीद भी खो रहे हैं। लेकिन इन सभी नाउम्मीदी के बीच उनके लिए एक नई उम्मीद के किरण के रूप में आई हैं वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा।
सीमा समृद्धि कुशवाहा लड़ेगीं हाथरस निर्भया का केस
सीमा समृद्धि कुशवाहा उस समय चर्चा में आईं जब उन्होंने दिल्ली गैंगरेप के आरोपियों को फांसी के तख्ते तक पहुँचाया था। 2012 के दिल्ली गैंगरेप के सभी आरोपियों को सीमा समृद्धि कुशवाहा के कड़ी मेहनत के कारण ही फांसी की सजा हो पाई थी। सीमा समृद्धि कुशवाहा उत्तर प्रदेश के इटावा की रहने वाली हैं। हाथरस गैंगरेप के चर्चा में आने और पुलिस द्वारा पीड़िता के शव को जबरदस्ती जलाने के बाद सीमा समृद्धि कुशवाहा ने अपने फेसबुक लाइव में इस केस को लड़ने की बात कही थी।
पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंची हाथरस
सीमा कुशवाहा और हाथरस के अपर जिलाधिकारी से उस समय तीखी बहस हो गई जब वह हाथरस पीड़िता के परिवार वालों से मिलने जा रही थी और पुलिस द्वारा कनून का हवाला देकर उन्हें रोक लिया गया। पुलिस द्वारा वहां जाने का कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि पीड़िता का परिवार उनसे मिलना चाहता है और मैं उनका केस लड़ना चाहती हूँ। उन्होंने आगे बताया कि वह पीड़िता के मदद हेतु इस केस को बिना किसी फीस के लड़ेंगी।
गौरतलब हो कि हाथरस गैंगरेप पीड़िता की इलाज के दौरान दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में 29 सितम्बर को मौत हो गई थी। पीड़िता की मौत के बाद शव का पोस्टमार्टम करवाकर पुलिस ने खुद ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया था जिसके बाद यह मामला और अधिक गंभीर हो गया। इस केस में पुलिस पर भी लापरवाही के आरोप लगे हैं।