कुछ लोगों का मानना है कि कर्म का फल मीठा होता है जबकि कुछ लोगों को भाग्य पर अधिक विश्वास होता है वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हे कर्म के साथ-साथ भाग्य पर भी बराबर भरोसा होता है। अब भाग्य और कर्म में कौन बेहतर होता है इस पर तो हम चर्चा नहीं करेंगे बल्कि ये जरूर बताएँगे की इन दोनों के ही बल पर मध्य प्रदेश का एक किसान जीरो से हीरो बन गया अर्थात गरीबपति से लखपति बन गया।
दरअसल मध्य प्रदेश के पन्ना क्षेत्र का एक किसान लखन यादव 200 रूपये देकर एक खेत लीज पर लिया था और उसके बाद वह उस खेत पर कार्य शुरू कर दिया। खेत में कार्य करते समय एक दिन खेत से उसे एक पत्थर का टुकड़ा मिला। पहले तो वह उसे पत्थर ही समझा लेकिन बाद में उसे वह सामान्य पत्थर उसे थोड़ा अलग लगा अतः वह उसे रख लिया।
बाद में जाँच कराने पर पता चला कि जो पत्थर उसे खेत से मिला था वह कोई आम पत्थर नहीं बल्कि हीरा का एक बड़ा सा टुकड़ा था। यह जानकार लखन यादव एक बार को चौंक गए लेकिन असल में अब वह गरीबपति से लखपति बन चुके थे। अब उनका भाग्य बदल चुका था लेकिन अंदाजा लगा पाना मुश्किल है कि इसमें उनके भाग्य का बड़ा रोल है या उनके खेत में किये गए कर्म का।