भारतीय राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी, लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और पूर्व रेल मंत्री रामविलास पासवान का निधन 8 अक्टूबर को हो गया। पासवान काफी समय से बीमार चल रहे थे और हाल ही में दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में उनके दिल का ऑपरेशन हुआ था। गुरुवार शाम को उनके बेटे चिराग पासवान द्वारा ट्वीट कर उनके निधन की खबर दी गई।
बिहार के दलित परिवार में जन्मे
रामविलास पासवान का जन्म बिहार के खगड़िया जिले के एक दलित परिवार में वर्ष 1946 में हुआ था। उन्होंने अपनी पढाई कोसी कॉलेज, पटना और बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झाँसी से पूरी की थी। अपनी प्रतिभा के दम पर उन्होंने राजनीति में कदम रखा और कई रिकॉर्ड कायम किये।
बनना चाहते थे डीएसपी
रामविलास पासवान अपनी पढाई पूरी करने के बाद डीएसपी बनना चाहते थे लेकिन उनके साथ ऐसा हो नहीं सका और उन्होंने राजनीति में कदम रखा। 1969 में पहली बार वह बिहार विधानसभा सदस्य बने। 1975 में देश में लगे आपातकाल के समय रामविलास पासवान जेल भी गए थे।
चुनाव जीतकर बनाया रिकॉर्ड
आपातकाल के बाद जेल से रिहा होकर वे 1977 के लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरे और पहली बार 4.4 लाख मतों के अंतर से चुनाव जीतकर गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा लिए।
कई मंत्रालयों की बागडोर संभाली
राम विलास पासवान को देश के कई मंत्रालयों को सँभालने का मौका भी मिला था। सबसे पहले 1989 में विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार में उन्हें श्रमिक कल्याण मंत्रालय का जिम्मा मिला। उसके बाद उन्होंने रेल मंत्रालय, सूचना मंत्रालय, खनन मंत्रालय, उर्बरक मंत्रालय और खाद्य मंत्रालय को संभाला।
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रामविलास पासवान: जिन्होंने चुनाव जीतकर गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया था।
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