मेघालय भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों का एक अभिन्न हिस्सा है। यह राज्य अपने प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ अपने सांस्कृतिक विविधता के लिए भी अत्यंत प्रसिद्ध है। इस राज्य में कई जनजातीय समूह निवास करते हैं जिनके अपने अलग-अलग कुछ विशेष त्योहार हैं। मेघालय में मनाये जाने वाले ये त्योहार यहाँ के निवासियों के साथ-साथ पुरे देश-दुनिया के पर्यटकों को भी अत्यंत आकर्षित करते हैं। तो आईये आज इस लेख में जानते हैं कि मेघालय राज्य में कौन-कौन से प्रमुख त्योहार मनाये जाते हैं।
1- बेहदीनखलम उत्सव (Behdeinkhlam Festival):
मेघालय राज्य में मनाये जाने वाले सभी त्योहारों में बेहदीनखलम त्योहार का स्थान सबसे ऊपर है। यह राज्य का अत्यंत लोकप्रिय त्योहार है। बेहदीनखलम त्योहार राज्य के जयंतिया जनजातीय के द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार प्रत्येक वर्ष जुलाई माह में मनाया जाता है। जयंतिया जनजातीय समूह के द्वारा अपने फसलों के बुवाई के बाद यह त्योहार पुरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इस त्योहार में अनेक पारम्परिक रस्मों को निभाया जाता है। बेहदीनखलम त्योहार के माध्यम से लोग अपने इष्टदेव से एक अच्छी फसल की कामना करते हैं। इस त्योहार में समुदाय के सभी लोग एक विशेष जगह पर इकठ्ठा होते हैं जहाँ पर बने एक खम्बे के चारो तरफ लोग पारम्परिक नृत्य करते हैं। हालाँकि इस नृत्य में समाज की महिलाएं शामिल नहीं होती हैं क्यूंकि घर में उन्हें अपने इष्टदेव के लिए अनेक अन्य रस्मों को निभाना पड़ता है।
बेहदीनखलम त्योहार में बांस से बने खंभेनुमा विशेष आकृति जिसे कि रंग-बिरंगे कागजों से सजाया जाता है आम लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए आकर्षण का विशेष केंद्र होता है। यह त्योहार चार दिनों तक चलता है और लोगों के जीवन में नए उत्साह के साथ-साथ नए रंग भर के जाता है।
2- वांगला त्योहार (Wangala Festival):
मेघालय राज्य की प्रमुख जनजातीय समूहों में से एक गारो जनजातीय द्वारा वांगला त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार इस समुदाय द्वारा अच्छी फसल प्राप्ति के लिए अपने इष्टदेव सलजोंग (सूर्य देवता) को धन्यवाद देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष सितम्बर से दिसंबर माह के बीच वांगला त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार को ‘100 ड्रमों का त्योहार’ भी कहा जाता है।
वैसे तो यह त्योहार मेघालय राज्य का प्रमुख त्योहार है लेकिन इसके साथ-साथ वांगला त्योहार असम, नागालैंड तथा बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में भी मनाया जाता है। 7 दिसंबर 1976 को मेघालय के राज्य सरकार द्वारा सबसे पहली बार वांगला त्योहार के आधुनिक रूप ‘100 ड्रमों के त्योहार’ को शुरू किया गया था जो प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। इस त्योहार में अलग-अलग प्रतियोगिताएं होतीं हैं। यह 2 से 3 दिन तक मनाया जाने वाला त्योहार है।
3- सेंग कूट नेम (Seng Kut Snem):
मेघालय जनजातीय समूहों का राज्य है। यहाँ कई जनजातीय समूह निवास करते हैं जैसे कि गारो, खासी, जयंतिया इत्यादि। इन्ही जनजातीय समूहों में से एक खासी जनजातीय समूह जो कि मेघालय की सबसे बड़ी जनजातीय समूह भी है के द्वारा सेंग कूट नेम त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार प्रत्येक वर्ष नवम्बर माह के 23 तारीख को मनाया जाता है।
दरअसल भारत पर अंग्रेजी शासन के दौरान मेघालय के खासी समुदाय के 16 युवकों ने अपनी परम्परा और रीति-रिवाजों को अंग्रेजी प्रभावों से बचाने के लिए 23 नवम्बर 1899 को एक संगठन का निर्माण किया था। इस संगठन का नाम ‘Khasi Young Men’s Association’ था। इन युवकों द्वारा अपने समुदाय की रक्षा के लिए उठाए गए इस सराहनीय कदम की याद में ही प्रत्येक वर्ष 23 नवम्बर को यह त्योहार खासी समुदाय के द्वारा बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है।
इस दिन मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में खासी समुदाय के लोग झाँकियाँ निकालकर खासी समुदाय के इतिहास और परम्परा से नवयुवकों को प्रेरित करने का प्रयास करते हैं। खासी जनजातीय द्वारा अच्छी फसल प्राप्ति पर अपने देवता को धन्यवाद् देने के लिए भी सेंग कूट नेम त्योहार मनाया जाता है। इस दिन समुदाय के लोग पारम्परिक नृत्य, गीत, भोजन के साथ-साथ अपने त्योहार का आनंद उठाते हैं।
4- शाद सुक मिनसिम (Shad Suk Mynsiem):
पूर्वोत्तर के खूबसूरत राज्य मेघालय के बहुचर्चित त्योहारों में से यह भी एक प्रमुख त्योहार है। शाद सुक मिनसिम (Shad Suk Mynsiem) प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह में मनाया जाता है। मेघालय राज्य के प्रमुख जनजातीय समुदाय खासी जनजाति के द्वारा यह त्योहार मनाया जाता है। खासी जनजाति द्वारा अपने इष्टदेव को अच्छी फसल प्राप्ति के बाद धन्यवाद देने के उद्देश्य से यह त्योहार मनाया जाता है।
शाद सुक मिनसिम का अर्थ शांत हृदय से किये गए नृत्य से है। इस त्योहार में खासी समुदाय के द्वारा एक विशेष प्रकार का नृत्य किया जाता है जिसमे महिला और पुरुष दोनों की भागीदारी समान होती है। इस नृत्य में समुदाय के लोग अपने निजी जीवन को चरितार्थ करते हैं जिसमे महिलाऐं बीच में नृत्य करती हैं तथा पुरुष उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य को दर्शाते हुए हाथ में तलवार लेकर नृत्य करते हैं।
सभी प्रतिभागी अपने परम्परागत वेशभूषा में त्योहार मनाते हैं। यह त्योहार तीन दिनों तक मनाया जाता है तथा मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में इस उत्सव को मनाने के लिए विशेष आयोजन किये जाते हैं।
5- नोंगक्रेम डांस फेस्टिवल (Nongkrem Dance Festival):
यह त्योहार भी मेघालय राज्य के अन्य त्यौहारों की तरह ही बहुत लोकप्रिय है। मेघालय राज्य के खासी जनजाति के द्वारा इस त्योहार को मनाया जाता है। नोंगक्रेम डांस फेस्टिवल मुख्यतः पारम्परिक डांस को प्रदर्शित कर अपने इष्टदेव ‘का ब्लेई सिन्शर (Ka Blei Synshar)’ को धन्यवाद देने का एक तरीका है। यह त्योहार प्रत्येक वर्ष नवंबर माह में मेघालय राज्य की राजधानी शिलॉन्ग के पास ही स्थित स्मित (Smit) में आयोजित किया जाता है।
इस डांस फेस्टिवल में अविवाहित लड़कियां भाग लेती हैं तथा एक विशेष प्रकार के नृत्य कला का प्रदर्शन करती हैं। इस नृत्य में लड़कियों के दाहिने हाथ में एक तलवार तथा बाएं हाथ में याक के बालों से बना एक गुच्छा होता है। इस नृत्य क्रिया में शामिल सभी लड़कियां अपने पारम्परिक वेश-भूषा में बहुत ही आकर्षक दिखाई देती हैं। ये लड़कियां ढोल-बाजे तथा शहनाई के धुन पर नृत्य करती हैं।
नोंगक्रेम डांस फेस्टिवल में समुदाय के मुख्य पुजारी द्वारा समुदाय के देवता ‘लेई शिलॉन्ग’ को खुश करने के लिए यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस यज्ञ में देवता के समक्ष मुर्गे की बलि दी जाती है। नोंगक्रेम डांस फेस्टिवल में पोम्ब्लांग नामक एक अन्य पूजा का भी आयोजन किया जाता है जिसमे बकरी की बलि दी जाती है। यह चार दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार है।
6- शाद सुकरा (Shad Sukra):
यह त्योहार मेघालय राज्य के जयंतिया जनजाति के लोगों द्वारा मनाया जाता है। मेघालय राज्य में मनाये जाने वाले अन्य सभी त्योहारों के भांति ही यह त्योहार भी फसलों से सम्बंधित है। शाद सुकरा त्योहार फसलों की बुवाई के पहले मनाया जाता है। इस त्योहार को मनाने का मुख्य उद्देश्य अपने फसलों को आपदाओं इत्यादि से होने वाले नुकसान से बचाना है।
इस त्योहार में समुदाय के लोग विभिन्न प्रकार के परम्परागत वेशभूषा में नृत्य करते हैं। अपने त्योहार को उत्साह के साथ मनाने के लिए इस दिन विभिन्न प्रकार के पकवान बनाये जाते हैं। यह त्योहार पुरे मेघालय के अलग-अलग क्षेत्रों में मनाया जाता है।
7- स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल (Strawberry Festival of Meghalaya):
स्ट्रॉबेरी के नाम से ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है और आये भी क्यों ना क्यूंकि यह फल होता ही बहुत स्वादिष्ट है। मेघालय राज्य में इसी स्ट्रॉबेरी के नाम पर एक स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल मनाया जाता है। दरअसल यह त्योहार मेघालय राज्य का कोई परम्परागत त्योहार नहीं है लेकिन मेघालय राज्य की भूमि स्ट्रॉबेरी के उत्पादन के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
अतः स्ट्रॉबेरी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मेघालय राज्य के कुछ भागों में स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल मनाया जाता है। यह फेस्टिवल प्रत्येक वर्ष जनवरी से फ़रवरी माह में मनाया जाता है। स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल यहाँ के किसानों को अपनी फसल के पैदावार बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। स्ट्रॉबेरी के उत्पादन से यहाँ के किसानों की आय में काफी वृद्धि भी हो रही है।