बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम 10 नवंबर को घोषित होने के बाद 16 नवंबर को एनडीए ने बिहार में नई सरकार बना ली। 16 नवंबर को मुख्यमंत्री सहित 14 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया था जिसमे जनता दल के विधायक मेवालाल चौधरी शिक्षा मंत्री बने थे।
मेवालाल के शिक्षामंत्री बनने के बाद से ही बिहार में विपक्ष ने सरकार पर हमला बोल दिया कि एक भ्रष्टाचार के आरोपी को मंत्री क्यों बनाया गया है। जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का भी ट्वीट सामने आया जिसमे उन्होंने मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाने पर सरकार की आलोचना की। हालांकि लालू प्रसाद स्वयं भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं।
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मेवालाल चौधरी पर भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते किये गए भ्रष्टाचार का आरोप है। उन पर आरोप है कि उन्होंने कुलपति रहते 100 अधिक असिस्टेंट प्रोफेसर्स की गैरकानूनी तरीके से बहाली की। इस परिप्रेक्ष्य में उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया जा चुका है। मेवालाल चौधरी के खिलाफ वर्ष 2017 में तत्कालीन बिहार राज्यपाल श्री रामनाथ कोविंद ने जांच के भी आदेश दिए थे।
राष्ट्रीय जनता दल के ट्वीटर हैंडल से एक वीडियो ट्वीट कर मेवालाल चौधरी की आलोचना की गई है कि जिस व्यक्ति को राष्ट्रगान तक गाने नहीं आता उसे बिहार का शिक्षा मंत्री बना दिया गया है।
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