अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव धीरे-धीरे नजदीक आ रहें हैं और दोनो प्रतिद्वंदी एक दूसरे को मात देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं लेकिन इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भेजे गए पार्सल में रिसीन नामक ख़तरनाक जहर मिलने पर हड़कंप मच गया। हालांकि यह पैकेट अभी व्हाइट हाउस तक नहीं पहुंच पाया था। व्हाइट हाउस पहुंचने से पहले ही पैकेट की जांच कर रही टीम को यह संदिग्ध लगा था।
इस पैकेट के कनाडा से आने की उम्मीद है। पैकेट की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि पैकेट को दो बार जांचा गया जिसके बाद यह साबित हुआ कि यह पैकेट घातक जहर रीसिन से भरा पड़ा था। दरअसल किसी भी पार्सल को व्हाइट हाउस भेजने से पहले बारीकी से उसकी जांच की जाती है और जब अधिकारी आश्वस्त हो जाते है तभी किसी भी पार्सल को व्हाइट हाउस या प्रेसिडेंट तक जाने की अनुमति देते हैं।
क्या होता है रीसीन?
अरंडी (Castor) का वैज्ञानिक नाम Ricinus Communis होता है और अरंडी के बीज से तेल निकालने के बाद बचे अपशिष्ट से ही रीसीन पाउडर तैयार किया जाता है। इस पाउडर का अति सूक्ष्म मात्रा एक व्यस्क व्यक्ति की जान लेने के लिए पर्याप्त है। इसका थोड़ा सा भी मात्रा यदि कोई व्यक्ति निगल जाए, उसे इंजेक्ट कर दिया जाय या किसी और माध्यम से उसके शरीर में चला जाय तो यह उसके शरीर के प्रोटीन संश्लेषण को प्रभावित कर देता है और दो से चार दिनों के अंदर उस व्यक्ति की मौत हो जाती है। इसका प्रभाव शरीर के पूरे नर्वस सिस्टम, लिवर और किडनी सहित अन्य अंगों पर पड़ता है जो व्यक्ति के मौत का कारण बन जाते हैं।
पहले भी जान लेने के लिए रीसीन का प्रयोग हुआ है।
वर्ष 1978 में इसका प्रयोग एक बल्गेरियन राइटर Georgi Markov का जान लेने के लिए किया गया था। Georgi Markov बीबीसी के लंदन ऑफिस में कार्यरत थे और बल्गेरियन सरकार के खिलाफ लिखते थे। एक दिन जब वह अपने ऑफिस जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे तभी उन्हें उनके दाहिने जांघ में कुछ चुभने का अहसास हुआ। उन्होने जब पीछे देखा तो एक आदमी एक छाता वहां से उठाकर भागने लगा। संभवतः उसी छाते से उनके जांघ में चोट पहुंचाया गया था। इस मामले को उन्होंने ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया लेकिन अगले दिन तक उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा और दो दिन बाद उनकी मौत हो गई। उनके मौत के बाद जांच में पता चला कि उन्हें रीसीन नामक जहर एक छाते के मदद से इंजेक्ट कर दिया गया था जिसके बाद उनकी मौत हो गई। Georgi Markov की मौत के 10 दिनों बाद ही बुल्गारिया के ही Vladimir Kostov पर भी ठीक ऐसा ही अटैक हुआ लेकिन वह रिकवर कर गए और उनकी जान बच गई।
29 मई 2013 को न्यू यॉर्क शहर के मेयर मिशेल ब्लूमबर्ग को भी रिसीन जहर के पैकेट पार्सल में मिले थे। उसी समय अमेरिकी प्रेसिडेंट बराक ओबामा को भी रीसीन जहर के पैकेट पार्सल में भेजे गए थे। 2 अक्टूबर 2018 को यही जहर पेंटागन के दो अधिकारियों को भी भेजे गए थे। इसी साल चेक रिपब्लिक की मीडिया ने खुलासा किया था कि एक रूसी नागरिक जिसके पास रूस का पासपोर्ट और रिसीन जहर था वह प्राग की तीन राजनीतिज्ञों की हत्या के उद्देश्य से प्राग आया था। आतंकवादी समूहों द्वारा भी रिसीन को एक हथियार के रूप में प्रयोग करने का प्रयास किया जा चुका है।