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चीन और भारत के बीच सीमा विवाद दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है और दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाते जा रहे हैं। इसी आक्रामक रवैये के कारण ही अभी कुछ दिनों पहले गलवान घाटी की घटना जैसी बड़ी घटना घटी। उस घटना के बाद भी अभी विवाद खत्म नहीं होने का नाम ले रहा है। इन सभी नकारात्मक घटनाओं के बीच उत्तरी सिक्किम में भारत चीन सीमा पर जो घटना घटी वह भारतीय सेना के मानवीय गुणों का दर्शन कराती है और पूरी दुनिया में भारतीय सेना का नाम ऊंचा करती है।
दरअसल हुआ यूं कि उत्तरी सिक्किम में 17,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित भारत चीन सीमा पर एक महिला सहित 3 चीनी नागरिक गलती से भारतीय सीमा में चले आए। भारतीय सेना को जब उनके गलती से भारतीय सीमा में आने की बात पता चली तो सेना ने वहां के शून्य के नीचे के तापमान में उनके जान के खतरे को देखते हुए उन्हें दवाइयां, भोजन, गर्म कपड़े इत्यादि चीजें उपलब्ध करवाईं और सही मार्ग दिखाकर उन्हें वापस भेजा। सेना के द्वारा दिखाया गया उनका यह मानवीय भाव पूरे जग में उन्हें सबसे महान सेना बना दिया।
अब इसके उलट अरूणांचल प्रदेश की घटना ने चीनी सेना के व्यवहार को अत्यंत निंदनीय बना दिया। दरअसल हुआ यह कि अरूणांचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले के नाचो क्षेत्र में कुछ ग्रामीण शिकारी भारत चीन सीमा की तरफ शिकार के लिए गए थे। गलती से सीमा के पास चीनी सैनिकों ने उनमें से 5 शिकारियों का अपहरण कर लिया जबकि 2 शिकारी सकुशल वहां से भाग निकले और नाचो क्षेत्र के पुलिस स्टेशन में पूरी घटना की जानकारी दी। नाचो क्षेत्र के विधायक ने पीएमओ में शिकायत कर मदद की अपील की है।
उपरोक्त दोनों घटनाओं में दोनो सेनाओं के व्यवहार कुशलता का भेद पता चल जाता है। एक तरफ भारतीय सेना मानवता का परिचय दे रही है तो दूसरी तरफ चीनी सेना मानवता शर्मशार करने पर तुली है।