उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित केदारनाथ भगवान् शिव को समर्पित दर्शनीय स्थल है। केदारनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊंचाई पर स्थित ज्योतिर्लिंग है। यदि आप केदारनाथ की यात्रा पर जाने के इच्छुक हैं तो यह लेख आप ही के लिए है।
कब केदारनाथ की यात्रा पर जाएँ?
केदारनाथ की यात्रा प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह से लेकर नवंबर माह तक संचालित रहती है। नवंबर माह से लेकर मार्च माह तक अत्यधिक ठण्ड मौसम होने के कारण यह मार्ग पूरी तरह से बर्फ से ढका रहता है। अतः अप्रैल से लेकर नवंबर माह के बीच ही आप केदारनाथ की यात्रा पर जा सकते हैं।
क्या केदारनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन आवश्यक है?
केदारनाथ यात्रा के पूर्व रजिस्ट्रेशन करवाना अत्यधिक आवश्यक है। यात्रा के लिए टोल फ्री नंबर 1364 | 0135 3520100 और व्हाट्सएप्प नंबर 8394833833 के द्वारा भी यात्रा का रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ पर जाकर भी रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है।
क्या ट्रेन से केदारनाथ जाया जा सकता है?
केदारनाथ की सम्पूर्ण यात्रा के लिए ट्रेन से जाना संभव नहीं है। आप अपने शहर या गांव से हरिद्वार अथवा ऋषिकेश तक की यात्रा ट्रेन से पूरी कर सकते हैं। हरिद्वार अथवा ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के आगे की यात्रा बस अथवा अन्य दूसरी गाड़ियों के द्वारा ही पूरी की जा सकती हैं।
हरिद्वार से केदारनाथ की दूरी:
हरिद्वार से केदारनाथ की कुल दूरी करीब 260 किलोमीटर है। लेकिन इस दूरी को तीन हिस्सों में तय किया जाता है। सबसे पहले आप हरिद्वार से बस अथवा प्राइवेट कैब के द्वारा सोनप्रयाग पहुंचेगें। हरिद्वार से सोनप्रयाग की दूरी करीब 234 किलोमीटर है जिसके लिए सरकारी बस का किराया 350 रूपये के आस-पास है। इस यात्रा में करीब 8 से 9 घंटे का समय लग जाता है।
सोनप्रयाग से गौरीकुंड:
यदि आप हरिद्वार से सुबह-सुबह सोनप्रयाग के लिए निकलते हैं तो सोनप्रयाग पहुँचते-पहुँचते रात्रि का समय हो जाता है। अतः आपको सोनप्रयाग में ही रात्रि विश्राम कर लेना चाहिए। यहाँ रात्रि विश्राम के लिए होटल के साथ-साथ बड़े-बड़े कैंप भी स्थित हैं।
सोनप्रयाग से आगे की यात्रा गौरीकुंड के लिए शुरू होती है जिसकी दूरी करीब 5 किलोमीटर है। सोनप्रयाग से उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही टैक्सियों से गौरीकुंड पहुंचा जा सकता है।
गौरीकुंड से केदारनाथ की यात्रा:
आपके केदारनाथ यात्रा में मुख्य चुनौती गौरीकुंड से केदारनाथ धाम की यात्रा में ही आती है। गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर की दूरी करीब 22 किलोमीटर है जिसे ट्रेकिंग के द्वारा पूरा किया जाता है। इस यात्रा में श्रद्धालु अपने सुविधानुसार पैदल, खच्चर, पालकी या हेलीकाप्टर द्वारा मंदिर पहुँचते हैं।
खच्चर और पालकी की सुविधा तो वहां तुरंत उपलब्ध हो जाती है लेकिन हेलीकाप्टर के लिए पहले से ऑनलाइन बुकिंग करना अनिवार्य है। यदि आप अपनी यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाना चाहते हैं तो यात्रा के पूर्व ही मंदिर या मंदिर के आस-पास के होटलों में बुकिंग अवश्य करवा लें।
केदारनाथ की चढ़ाई में कितना समय लगता है?
केदारनाथ की चढ़ाई गौरीकुंड से ही शुरू हो जाती है। गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी करीब 22 किलोमीटर है जिसे पैदल पूरा करने में करीब 8 से 9 घंटे का समय लग जाता है। एक ही दिन में केदारनाथ पहुँच कर वापस आना संभव नहीं है अतः अतिरिक्त समय लेकर ही यात्रा शुरू करें।
यात्रा पर क्या लेकर जाएँ?
अन्य सभी आवश्यक वस्तुओं के साथ-साथ केदारनाथ की यात्रा के लिए आप को कुछ जरुरी सामान ले जाना अत्यधिक आवश्यक है। चूंकि केदारनाथ धाम अत्यंत दुर्गम स्थल पर स्थित है इसलिए यहाँ हर क्षण मौसम में बदलाव होता रहता है। बदलते मौसम से निपटने के लिए आपको रैनकोट, छाता, एक मजबूत छड़ी और कुछ गर्म कपड़े अवश्य लेकर जाने चाहिए।
केदारनाथ की यात्रा में कुल कितना खर्च लगता है?
यदि आप केदारनाथ की यात्रा के लिए जा रहें हैं तो अपने बजट को अत्यधिक व्यवस्थित करके ही जाएँ। चूंकि केदारनाथ धाम अत्यंत दुर्गम भूभाग पर स्थित है इसलिए यहाँ खर्च अधिक मात्रा में होता है। एक अनुमान के अनुसार यदि आप केदारनाथ यात्रा के लिए हेलीकाप्टर, खच्चर अथवा पालकी की मदद नहीं लेते हैं तो 8000 से 9000 रूपये में बड़े आराम से यह यात्रा पूरी कर सकते हैं।