अपने विवादित बयानबाजी के लिए प्रसिद्ध जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और राजनीतिक पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्लाह आज रविवार को फिर से एक विवादित बयान देकर चर्चा में आ गए हैं। फारूक अब्दुल्ला, जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35A हटाए जाने को लेकर काफी विरोध दर्ज करा चुके हैं। इस संशोधन के खिलाफ अपना विरोध जताते हुए उन्होंने एक और विवादित बयान दिया है जिससे उनकी काफी आलोचना हो रही है।
चीन की मदद से लागू करवाना चाहते हैं आर्टिकल 370 और 35A
रविवार को अपने एक बयान में उन्होंने कश्मीर की स्थिति के बारे में बोलते हुए कहा कि हम चीन की मदद से दुबारा कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35 A को लागू करवा सकते हैं। गौरतलब हो कि मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को संविधान संशोधन कर जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35 A को हटा दिया गया था।
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क्या है आर्टिकल 370?
17 अक्टूबर 1949 को भारतीय संविधान में आर्टिकल 370 को जोड़ा गया था। यह आर्टिकल जम्मू और कश्मीर को भारतीय संविधान से छूट प्रदान करता है और जम्मू और कश्मीर को खुद का संविधान बनाने की अनुमति देता है। आसान शब्दों में कहें तो यह आर्टिकल जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता था।
क्या है आर्टिकल 35A?
इस आर्टिकल को वर्ष 1954 में राष्ट्रपति के आदेश पर संविधान में जोड़ा गया था। इस आर्टिकल को जोड़ने से पहले किसी भी संसदीय कार्यवाही का पालन नहीं हुआ था। इस आर्टिकल के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर राज्य के विधानमंडल को यह अधिकार था कि वह निर्णय कर सकती है कि कौन जम्मू और कश्मीर का स्थायी निवासी है या नहीं। इसके अंतर्गत जम्मू और कश्मीर विधानमंडल को अपने राज्य के निवासियों के अधिकारों के लिए कानून बनाने का भी अधिकार था।
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