भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है लेकिन मौजूदा समय में यह पार्टी देश की राजनीति में अपना आधार खोती जा रही है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था और तब से अब तक पार्टी को विभिन्न राज्यों में हार का ही सामना करना पड़ रहा है यदि एक-दो राज्यों को छोड़ दिया जाए तो।
विभिन्न प्रकार के लोग कांग्रेस के पतन के विभिन्न कारण बता सकते है लेकिन जब पार्टी के पतन के कारणों को पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता के द्वारा अपने किसी किताब में बताया गया हो तो इसे एक बड़ा कारण माना जा सकता है।
दरअसल कांग्रेस के बड़े नेता और देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने देहांत के पहले अपने संस्मरण में कांग्रेस के पतन के कारणों को गिनाया था। उनका यह संस्मरण अगले साल आम लोगो तक पहुंचेगा। इस संस्मरण में उन्होंने कांग्रेस के पतन का मुख्य कारण कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह को बताया है।
अपने संस्मरण ‘द प्रेसिडेंशियल इयर्स’ में उन्होंने आगे लिखा है कि वर्ष 2004 में पार्टी के जीत के बाद यदि मैं देश का प्रधानमंत्री बना होता तो वर्ष 2014 में कांग्रेस को इतनी बड़ी हार का सामना नहीं करना पड़ा होता। उन्होंने आगे लिखा है कि सोनिया गाँधी पार्टी को सँभालने में नाकाम रही और डॉक्टर सिंह (मनमोहन सिंह) हमेशा गठबंधन बचाने में लगे रहे।
ध्यातव्य हो कि वर्ष 2004 में प्रणब मुखर्जी कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के बड़े दावेदार थे परन्तु उनसे अत्यंत जूनियर रहे मनमोहन सिंह को कांग्रेस ने देश का प्रधानमंत्री बनाया था। प्रणब मुखर्जी देश के राष्ट्रपति तो बन गए लेकिन देश के प्रधानमंत्री ना बन पाने की कसक उनके दिल में हमेशा चुभती रही।
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