भारत अत्यंत ही विवधताओं से भरा हुआ देश है। यहाँ विविध प्रकार की सभ्यताएं, समुदाय, धर्म, जाति, पंथ इत्यादि विद्यमान है लेकिन इसके बावजूद यह देश एकता के सूत्र में बंधे हुए निरंतर अग्रसर है। भारत के सभी धर्मों, समुदायों, जातियों और पंथों द्वारा अनेक महोत्सवों को मनाया जाता है जो उनके समुदाय विशेष को दुनिया के सामने प्रदर्शित करते हैं। इन सभी समुदायों द्वारा मनाए जाने वाले महोत्सव अत्यंत ही लोकप्रिय तथा अनोखे होते हैं जिन्हे देखकर कोई भी मंत्र मुग्ध हो सकता है। आज बात करने जा रहे हैं ऐसे ही एक त्योहार के बारे में जिसे “हार्नबिल फेस्टिवल” के नाम से जाना जाता है।
हार्नबिल फेस्टिवल (Hornbill Festival):
यह फेस्टिवल भारत के उत्तर पूर्वी राज्य नागालैंड में मनाया जाता है। इस फेस्टिवल का आयोजन मुख्यतः नागालैंड सरकार के कला और संस्कृति विभाग द्वारा किया जाता है। इस फेस्टिवल का आयोजन नागालैंड की राजधानी कोहिमा से लगभग 12 किलोमीटर दूर किसामा नामक गाँव में किया जाता है। इस फेस्टिवल में नागालैंड राज्य के सभी आदिवासी समुदाय के लोग हिस्सा लेते हैं। इस फेस्टिवल में तरह-तरह के क्षेत्रीय खेल-क्रियाओं के साथ-साथ अनेक प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन किया जाता है। यह एक रंग-बिरंगा फेस्टिवल होता है। इसका आयोजन प्रतिवर्ष 1 से 10 दिसंबर के बीच किया जाता है।
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क्यों इसका नाम हार्नबिल फेस्टिवल है (Why Hornbill Festival Named after Hornbill Bird) :
हार्नबिल कई रंगों से सराबोर एक पक्षी है जो अत्यंत मन-लुभावन होता है। यह पक्षी भारत के सभी राज्यों के अधिकतर जनजाति समुदायों में अत्यंत प्रसिद्ध है तथा इसके साथ-साथ नागालैंड के कई जनजाति समुदायों में भी यह प्रचलित है अतः इसके नाम पर इस फेस्टिवल का नाम हार्नबिल फेस्टिवल रखा गया। यह फेस्टिवल सबसे पहली बार वर्ष 2000 में मनाया गया था तदुपरांत प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।
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कैसे मनाया जाता है हार्नबिल फेस्टिवल:
हार्नबिल फेस्टिवल अत्यंत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस फेस्टिवल में नागालैंड की परंपरागत संस्कृति का दिव्य-दर्शन होता है। नागालैंड के अनेक क्षेत्रों से आए हुए जनजाति समूह दर्शकों को अपने करतब, नृत्य, शिकार करने की कला से इत्यादि से अत्यंत प्रभावित करते हैं। इस फेस्टिवल में दिखाए गए कुछ विशेष प्रदर्शन बस यहीं देखने को मिलते हैं।
नागालैंड पर्यटन को बढ़ावा:
इस फेस्टिवल के मनाए जाने के कारण नागालैंड के पर्यटन में अत्यंत वृद्धि देखने को मिली है। वर्तमान समय में यह नागालैंड के लिए एक बड़े आय के स्रोत के रूप में उभरकर सामने आया है। इस फेस्टिवल की दीवानगी इतनी ज्यादा है कि भारत के साथ-साथ विदेशों से भी लाखों पर्यटक प्रति वर्ष इस फेस्टिवल में शामिल होने पहुँचते हैं और एक रोमांचक अनुभव के साथ वापस अपने देश लौटते हैं।
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