हमारे घर में चाहे जितना लजीज खाना बन जाए लेकिन यदि उसमे नमक सही मात्रा में नहीं पड़ा हो तो उस खाने का कोई महत्व नहीं है। अर्थात हमारे खाने में स्वाद बढ़ाने या स्वाद ख़राब करने में नमक का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। अब तो ये बात हो गई नमक के महत्व की लेकिन अब हम थोड़ा-सा सोचने का प्रयास करेंगे कि आखिर हमारे दैनिक जीवन में इतना महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला नमक आता कहाँ से है? इस प्रश्न के जबाब में अधिकतर लोग बोलेंगे कि स्पष्ट सी बात है कि नमक का उत्पादन समुद्र के खारे पानी से होता है और वहीँ से ये आता है, मैं कहूंगा कि आपका उत्तर 100 प्रतिशत सही है लेकिन इसके साथ-साथ मैं यह भी बताना चाहूंगा कि भारत में नमक का उत्पादन मात्र समुद्र से ही नही होता है बल्कि इसके साथ-साथ राजस्थान की एक बहुत ही मशहूर और ऐतिहासिक झील सांभर झील से भी किया जाता है। तो आज हम लोग बात करेंगे सांभर झील के बारे में।
सांभर झील:
सांभर झील राजस्थान की राजधानी जयपुर से 80 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। यह भारत का सबसे बड़ा नमकीन पानी का झील है। इस झील का कुल जलग्रहण क्षेत्र 5700 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में है। इस झील में राजस्थान की पांच नदियों मेड़ता, रूपनगढ़, खंडेला, खारी और समौद का पानी आता है। यह झील चारो तरफ से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है।
नमक का उत्पादन:
Salt Production in Shambhar Salt lake (Photo Source: Social Media)
सांभर झील से देश के कुल 9% नमक का उत्पादन किया जाता है। यहाँ से प्रत्येक वर्ष लगभग 1,96,000 टन नमक का उत्पादन किया जाता है। इस झील से उत्पादित नमक से लगभग पुरे राजस्थान राज्य की मांग पूरी हो जाती है। यहाँ से नमक का उत्पादन सांभर साल्ट लिमिटेड नामक कंपनी द्वारा की जाती है। इसके अलावा कुछ प्राइवेट कम्पनिया भी नमक खनन के कार्य में लगी हैं।
झील का ऐतिहासिक महत्व:
सांभर झील और इस शहर का बहुत ऐतिहासिक महत्व भी है। इस शहर का सम्बन्ध महाभारत काल से भी है। इसी जगह शुक्राचार्य की पुत्री देवयानी का विवाह ययाति की साथ हुआ और उनकी याद में यहाँ पर एक देवयानी मंदिर भी बनाया गया है। मध्यकालीन इतिहास में इसी शहर में मुग़ल शासक अकबर और राजपूत राजकुमारी जोधा बाई का विवाह 1562 ई. में हुआ था।
इस झील के बारे में एक और कहानी प्रचलित है कि शाकम्भरी देवी ने किसी कार्य के बदले यहाँ के घने जंगलों को चांदी के भूमि के रूप में परिवर्तित कर दिया जिसके बाद यहाँ के लोगों को यह लगा कि यदि यहाँ चांदी की भूमि रहेगी तो लोग बहुत लालची हो जाएंगे और आपस में संघर्ष करने लगेंगे। अतः उन्होंने देवी से इस हटाने का अनुरोध किया जिसके उपरांत देवी ने चांदी की भूमि को झील में परिवर्तित कर दिया जिसे सांभर झील के नाम से जाना जाने लगा। इसी झील के एक किनारे पर शाकम्भरी देवी का मंदिर भी स्थित है।
विदेशी पक्षियों का पर्यटन स्थल:
Flamingo (Photo Source: Social Media)
यह झील खासतौर पर साइबेरिया और उत्तरी एशिया से प्रत्येक वर्ष आने वाले पक्षियों के लिए एक बहुत ही बड़े पर्यटन स्थल के रूप में है। प्रत्येक वर्ष यहाँ हजारों की संख्या में पक्षियों का समूह आता है। यह झील गुलाबी फ्लेमिंगो पक्षी का उत्तम निवास स्थान है। दुर्भाग्य की बात है कि नवंबर 2019 में यहाँ करीब 20 हजार से अधिक विदेशी पक्षियों की मौत किसी रहस्यमयी बीमारी के कारण हो गई थी।
फिल्म शूटिंग हब:
Shooting Scene (Photo Source: Quora.com)
यह झील फ़िल्मी दुनिया के लिए भी बहुत आकर्षक जगह है। अभी तक यहाँ कई बॉलीवुड की फिल्मों सहित अनेक गीतों की शूटिंग की जा चुकी है जिसमे जोधा-अकबर, वीर, पीके, गुलाल, हाईवे इत्यादि प्रमुख है। प्राकृतिक और ऐतिहासिक रूप से यह स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।