Mahindra Rajpakshe and Narendra Modi |
भारत के लिए यह ऐसा समय चल रहा है जब भारत का सबसे निकट पड़ोसी देश नेपाल भी चीन और पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाते हुए भारत विरोधी कदम उठा रहा है और चीन के इशारों पर बयानबाजी कर रहा है लेकिन इस समय युगों-युगों से भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका भारत के समर्थन में आया हैं। श्रीलंका के विदेश सचिव जयनाथ कोल्बेन्ज ने कहा कि श्रीलंका के विदेश नीति में भारत को प्राथमिकता दी जाएगी। श्रीलंका का यह बयान चीन के लिए कष्टकारी साबित हो सकती है क्यूंकि इस समय दुनिया के कई बड़े देश कोरोना प्रकोप को लेकर चीन से किनारा कर रहे हैं और चीन पूरी दुनिया से अलग-थलग हो रहा है।
श्रीलंका के विदेश सचिव ने आगे कहा कि हम अपना हम्बनटोटा बंदरगाह सबसे पहले भारत को लीज पर देना चाहते थे लेकिन ना जाने किस कारण से भारत पीछे हट गया और हमे इसे चीन को देना पड़ा। दरअसल श्रीलंका ने चीन को हम्बनटोटा बंदरगाह 99 साल के लिए लीज पर दिया है जो कि भारत के लिए एक खतरा है क्यूंकि हम्बनटोटा बंदरगाह भारत से मात्र 100 मील की दूरी पर स्थित है और सैन्य दृष्टि से यह भारत के लिए खतरा बढ़ा सकता है। हालाँकि विदेश सचिव जयनाथ कोल्बेन्ज ने आश्वासन दिया है कि हम हम्बनटोटा बंदरगाह को किसी भी तरह से चीन के सैन्य स्टेशन के तौर पर प्रयोग नहीं होने देंगे। उन्होंने आगे कहा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे कोलम्बो बंदरगाह के पूर्वी टर्मिनल को लेकर भारत के साथ “मेमोरेंडम ऑफ़ कोऑपरेशन” पर आगे बढ़ेंगे।
श्रीलंका के बारे में-
श्रीलंका हिन्द महासागर में स्थित एक देश है। यह भारत का समुद्री सीमा में सबसे निकट पड़ोसी देश है। श्रीलंका की राजधानी श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे है। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटोबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे हैं। श्रीलंका में सिंहल तथा तमिल भाषाएँ बोली जाती हैं। श्रीलंका में लगभग 70% बौद्ध धर्म के लोग रहते हैं। श्रीलंका का क्षेत्रफल 65,610 वर्ग किमी है जो कि उत्तर प्रदेश के क्षेत्रफल से लगभग 4 गुना छोटा है।