एक आम व्यक्ति अपने जीवन में अनेक बहाने बनाकर आम जीवन ही जीते रह जाता है लेकिन इसके उलट एक असाधारण व्यक्ति अपने जीवन में अपनी कमियों को ही अपनी ताकत बनाकर आम से असाधारण व्यक्ति बन जाता है। ठीक कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया है एक भारतीय महिला खिलाड़ी ने जिनका नाम है अंजू बॉबी जॉर्ज।
अंजू बॉबी जॉर्ज ने वर्ष 2003 में एथेलिटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप के लॉन्ग जम्प प्रतिस्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। वह भारत की पहली और एकमात्र ऐसी खिलाड़ी हैं जिन्होंने ऐसा कारनामा किया और देश का नाम रोशन किया था।
अब उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा किया है जिसे जानकार दुनिया हैरान हो सकती है। दरअसल उन्होंने ट्विटर पर खुलासा करते हुए कहा कि मैंने अपने जीवन में जो भी कीर्तिमान स्थापित किया है वह मेरे लिए आसान नहीं था क्यूंकि मेरे शरीर में मात्र एक ही किडनी है।
अंजू बॉबी जॉर्ज ने अपने पहले पदक जीतने के करीब 17 साल बाद यह खुलासा किया है। अंजू बॉबी जॉर्ज ने एथेलिटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप के अलावा वर्ल्ड एथेलिटिक्स फाइनल, कामनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, एशियन चैंपियनशिप और साउथ एशियन चैंपियनशिप में भी पदक अपने नाम किया है।
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