लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यूं हैं,
इतना डरते हैं तो घर से निकलते क्यूं हैं।
शायरी के शहंशाह डॉ. राहत इंदौरी जी के लिए कोरोना पॉजिटिव होना मौत का कारण बन गया। हालाँकि उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई। आज ही सुबह उन्होंने ट्वीट किया कि वे कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। जब यह खबर लोगों के बीच आयी तभी से सभी लोग उनकी स्वास्थ्य की कामना करने लगे थे पर किसे पता था कि यह शाम उनके जीवन की आखिरी शाम बनेगी।
डॉ. राहत इंदौरी अपने जिंदादिली और खुशमिजाज व्यक्तित्व के लिए जाने जाते थे। उनके शायरी में भी उनकी जिंदादिली दिखती थी। उन्होंने अपनी कलम से मैं तेरा आशिक, खुद्दार, जानम, सर, मर्डर, मुन्ना भाई एमबीबीएस सरीखे हिंदी फिल्मों के बेहतरीन गीतों को भी संजोया था।
अभी कुछ दिनों पहले जब वो The Kapil Sharma Show में गए तो वहां पर उन्होंने अपनी शायरी से सबको दाद देने पर मजबूर कर दिया था।
गुलाब, ख्वाब, दवा, जहर, जाम क्या-क्या है,
मैं आ गया हूं बता इंतजाम क्या-क्या है।
डॉ. राहत इंदौरी का जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर में हुआ था। वे उर्दू भाषा के प्रोफेसर और एक पेंटर भी थे। उन्हें भोज विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश द्वारा उर्दू साहित्य में पीएचडी से सम्मानित किया गया था। वे अक्सर मुशायरा और कवि-सम्मलेन किया करते थे। उनकी कुछ प्रमुख रचनाएँ रुत, दो कदर और सही, मेरे बाद, धूप बहुत है, चाँद पागल है, मौजूद, नाराज इत्यादि हैं।