आपने अपने बचपन से ही जरूर नैनीताल के बारे में सुन रखा होगा कि नैनीताल एक बहुत ही खूबूसरत हिल स्टेशन है, जहाँ एक बड़ी से झील भी है जिसका नाम नैनी झील है, लोग नैनी झील में बोटिंग का लुत्फ़ उठाते हैं, नैनीताल से चीन के बर्फीले पहाड़ दिखाई देते हैं, इत्यादि। ये सब सुन-सुन कर आपके मन में भी कई बार नैनीताल घूमने जाने का विचार आया-गया होगा पर शायद आप या तो नैनीताल घूम आये होंगे या तो नैनीताल जाने का ख्वाब अभी भी ख्वाब ही होगा।
यदि आप अभी तक नैनीताल नहीं घूमने जा पाए हैं या जाने का विचार बना रहे हैं तो चलिए आज इस कड़ी में हम आपको बताते हैं कि नैनीताल में कौन-कौन से खूबसूरत जगह हैं हैं जिन्हे आप चाहे जब नैनीताल जाओ लेकिन बिना देखे वापस मत आओ।
1- नैनी झील (Naini Lake):
दुनिया भर से आने वाले सभी सैलानियों के लिए नैनीताल में सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र नैनी झील है अर्थात यदि आप नैनीताल पहुँचते हैं और नैनी झील में बोटिंग करते हुए तस्वीर नहीं लेते हैं तो इसका सीधा-सीधा तात्यपर्य है कि आपने ढंग से नैनीताल का का दर्शन नहीं किया है। इसलिए नैनी झील में नौकाविहार करना यहाँ के सभी पर्यटन स्थलों में सबसे प्रमुख कार्य है।
नैनी झील मनुष्य के किडनी के आकार में निर्मित प्राकृतिक झील है जिसमे बेहद शुद्ध और स्वच्छ जल हमेशा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। अगर देखा जाए तो यह झील पुरे नैनीताल को अपने आप से बांधे रखा है अर्थात इसी झील के चारो तरफ नैनीताल शहर का मुख्य भाग स्थित है।
नैनी झील में बोटिंग के लिए कई तरह के नौकाओं का व्यवस्थित इंतजाम भी है जिन्हे 250-500 रूपये तक शुल्क अदा करके आराम से झील में नौका-विहार का आनंद उठाया जा सकता है।
2- नैना देवी मंदिर (Naina Devi Temple):
आपके नैनीताल यात्रा के दौरान आप के लिए नैना देवी मंदिर भी एक बेहद ख़ास और मानसिक सुकून प्रदान करने वाला स्थान साबित हो सकता है। नैनी झील के उत्तरी छोर पर स्थित यह मंदिर नैनीताल घूमने जाने वाले सभी सैलानियों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र बना रहता है।
यह जानकार आपको थोड़ी हैरानी भी हो सकती है कि इस नैना देवी मंदिर के नाम पर ही यहाँ के खूबूसरत झील का नाम नैनी झील पड़ा है और इसी झील के नाम पर इस शहर का नाम नैनीताल पड़ा है। अर्थात इस शहर का इतिहास नैना देवी मंदिर के बिना अधूरा है।
यह मंदिर हिन्दू धर्म के इतिहास में बेहद ख़ास स्थान रखता है। नैना देवी मंदिर हिन्दू धर्म के 51 शक्तिपीठों में से एक है जिसके कारण इस मंदिर की महत्ता पुरे देश में बहुत अधिक है। नैना देवी मंदिर के पास ही अनेक दुकाने सुबह से लेकर देर रात तक सजी रहतीं हैं जहाँ पूजा सामग्री के साथ-साथ आपको अनेक मनलुभावन वस्तुओं की खरीदारी का सुनहरा मौका मिल जाता है।
3- टिफ़िन टॉप या डोरोथी सीट (Tiffin Top or Dorothy’s Seat):
नैनीताल की आपकी यात्रा में टिफ़िन टॉप जिसे कि डोरोथी सीट के नाम से भी जाना जाता है आपको पुरे नैनीताल के 360 डिग्री का दर्शन करवाने में काफी मदद करेगा। समुद्रतल से 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थान नैनीताल पहुँचने वाले सभी सैलानियों के लिए अत्यंत ही रोमांचक स्थान साबित हो सकता है। यहाँ पहुँचने के बाद यहाँ से दूर तक दिखाई देने वाले खूबूसरत नज़ारे आपको हैरान कर देंगे।
इसका नाम टिफ़िन टॉप क्यों पड़ा, यह जानना भी बेहद जरुरी है। दरअसल यहाँ से मिलने वाले खूबसूरत नज़ारे का लुत्फ उठाने के लिए लोग अक्सर टिफ़िन लेकर अपने परिवार के साथ यहाँ पहुँचने लगे और यहाँ बैठकर खाना खाने लगे जिसके कारण इसका नाम टिफ़िन टॉप पड़ गया।
वैसे तो मूलरूप से इसे डोरोथी सीट के नाम से ही जाना जाता था। दरअसल एक ब्रिटिश अधिकारी जेपी केलेट ने अपनी दिवंगत पत्नी डोरोथी केलेट के नाम पर यहाँ पत्थर के चबूतरे का निर्माण करवाया था जिसके बाद इसका नाम डोरोथी सीट पड़ गया था।
4- नैनीताल चिड़ियाघर (Nainital’s Zoo):
नैनीताल की यात्रा में आपको नैनीताल के पहाड़ियों पर स्थित खूबसूरत नैनीताल चिड़ियाघर देखने का मौका भी मिलेगा। इसे जी.बी.पंत हाई अल्टीट्यूड नैनीताल ज़ू के नाम से भी जाना जाता है। यह चिड़ियाघर भारत के उन तीन चिड़ियाघरों में से एक है जो हाई अल्टीट्यूड पर बनाए गए हैं। इनमे अन्य दो दार्जीलिंग और सिक्किम में स्थित हैं।
इस चिड़ियाघर का निर्माण कार्य वर्ष 1984 में शुरू हुआ तथा वर्ष 1995 में इसे आम लोगों के लिए खोला गया। नैनीताल ज़ू में आपको बंगाल टाइगर, जापानी मकाउ, तिब्बती भालू, बार्किंग डियर, सांभर, चीता, सहित अनेक जानवर देखने को मिल जाएंगे।
इसके साथ ही साथ इस ज़ू में चिड़ियों की अनेक किस्मे भी देखने को मिल जाती है। यह चिड़ियाघर सुबह 10 बजे से लेकर शाम के 4:30 बजे तक सप्ताह में सोमवार के अलावा अन्य सभी दिनों को खुला रहता है।
5- स्नो व्यू पॉइंट (Snow View Point):
वैसे तो नैनीताल का हर एक हिस्सा आपको रोमांचित करता है लेकिन इन सभी में सबसे अधिक रोमांचित करने वाला पॉइंट स्नो व्यू पॉइंट है। यहाँ से आप खूबसूरत बर्फीले पहाड़ों का दर्शन कर सकते हैं। नैनीताल का यह हिस्सा सभी सैलानियों को अपनी ओर खिंच कर ले आता है और उनकी यात्रा को खूबसूरत यादों से भर देता है।
यहाँ पर लगे दूरबीनों से आप दूर स्थित ग्रेटर हिमालय का दर्शन कर पाते हैं. यहाँ से बर्फ से ढके नंदा देवी पर्वत, त्रिशूल पर्वत, नंदा कोट पर्वत इत्यादि का दर्शन होता है. इस स्नो व्यू पॉइंट से नैनी झील सहित पूरे नैनीताल शहर का हेलीकाप्टर व्यू देखने को मिलता है जो आपको अन्दर से रोमांचित कर देगा.
स्नो व्यू पॉइंट तक पहुँचने के लिए मल्लीताल से कैब लेकर जाया जा सकता है तथा इसके अलावा मॉल रोड के पास स्थित एरियल रोपवे के सहारे भी यहाँ पहुंचा जा सकता है. एरियल रोपवे का दोनों साइड का किराया 300 रूपये तक है.
6- इको केव गार्डन (Eco Cave Garden):
नैनीताल की आपकी यात्रा में इको केव गार्डन भी आपको अपने अन्दर समेटे अदभुत दृश्यों इत्यादि से अचंभित कर सकता है। नैनीताल के मॉल रोड के पास ही स्थित यह गार्डन कई प्राकृतिक गुफाओं का एक समूह है जिसे लोगों के लिए व्यवस्थित कर दर्शनीय बनाया गया है।
इस गुफा के अन्दर बनाए गए अलग-अलग गुफाओं के नाम अलग-अलग जानवरों के नाम पर रखें गये हैं जैसे पैंथर केव, टाइगर केव, फ्लाइंग फॉक्स केव, बैट केव, एप्स केव इत्यादि। यह केव स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए नैनीताल का सबसे उत्तम स्थान साबित हो सकता है जहाँ वे अलग-अलग जानकारियों से रूबरू हो सकते हैं।
इको केव गार्डन सुबह 9:30 से शाम के 5:30 तक खुला रहता है। केव में प्रवेश के लिए कुछ शुल्क अदा करने पड़ते हैं जिसके बाद ही आप इस रोमांचक केव का आनंद उठा पाएंगे।
7- नैना पर्वत चोटी (Naina Peak):
आपके नैनीताल की यात्रा में नैना पर्वत चोटी आपको अत्यंत रोमांचित कर सकती है। नैनीताल के मॉल रोड स्थित मल्लीताल से नैना पर्वत चोटी की दूरी करीब 10 किलोमीटर की है जिसमे से लगभग 4 किलोमीटर की यात्रा प्राइवेट कैब अथवा मोटरबाइक से पूरी की जा सकती है तथा बाकी 6 किलोमीटर की यात्रा ट्रेकिंग के द्वारा पूरी करनी होती है
ट्रेकिंग के दीवानों के लिए यह सफर काफी यादगार साबित होगा क्यूंकि इस राह में खूबसूरत पेड़-पौधों के साथ-साथ घने जंगलों का साथ भी मिलता है जो जैसे-जैसे आप ऊपर की तरफ बढ़ेंगे और घना होता जाता है। नैना पर्वत चोटी से नैनीताल की सुंदरता देखते बनती है क्यूंकि यह चोटी नैनीताल की सबसे ऊँची चोटी है।
नैना पर्वत चोटी की चढ़ाई मानसून के समय ना करना ही यात्रियों के लिए बेहतर है क्यूंकि इस समय लैंडस्लाइडिंग की संभावना अत्यधिक होती है तथा बादलों के कारण उतनी ऊंचाई से नैनीताल शहर को ठीक से देख पाना आसान नहीं होगा।
8- कैंची धाम (kainchi Dham):
यदि आप थोड़े धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृति के हैं और अपनी नैनीताल यात्रा के दौरान ऐसे किसी स्थान का भ्रमण करना चाहते हैं तो कैंची धाम आपके लिए बेहतर विकल्प साबित होगा। कैंची धाम नैनीताल से मात्र 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
इस धाम की स्थापना का श्रेय श्री बाबा नीम करोली के नाम है। बाबा नीम करोली ने वर्ष 1960 में इस धाम की स्थापना की थी। यह धाम कैंचीनुमा आकार के पर्वतों के बीच स्थित है इसीलिए इसे कैंची धाम के नाम से जाना जाता है जबकि यह आश्रम भगवान् श्री हनुमान जी को समर्पित है।
कैंची धाम को वर्ष 1973 के बाद पूरी दुनिया में अत्यधिक प्रसिद्धि मिली क्यूंकि दुनिया के सबसे बड़ी कंपनियों में से एक एप्पल इंक. के तत्कालीन सीईओ स्टीव जॉब्स अपने कठिनाइयों के दिनों में मानसिक स्थिरता के लिए कैंची धाम पधारे थे और यहाँ से पूरी संतुष्टि के साथ वापस गए थे। स्टीव जॉब्स के सलाह पर फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग भी कैंची धाम पधार चुके हैं तथा ऐसा कहा जाता है कि यहाँ से वापस जाने के बाद उनके व्यवसाय में काफी तरक्की हुई।
कैंची धाम जाने के लिए काठगोदाम से भी सीधे प्राइवेट कैब, बस अथवा मोटरसाइकिल के द्वारा कैंची धाम पहुंचा जा सकता है। वैसे तो यहाँ जाने के लिए किसी विशेष मौसम की आवश्यकता नहीं है लेकिन प्रत्येक वर्ष 15 जून को नीम करोली बाबा के जन्मदिन पर यहाँ मेला लगता है जिसमे शामिल होने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से बड़ी संख्या में भक्त पहुँचते हैं।
9- आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ़ ऑब्ज़र्वेशनल साइंसेज (ARIES):
आपकी नैनीताल की यात्रा में ARIES के भ्रमण का भी मौका मिलेगा। वर्ष 1961 में नैनीताल से महज 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मनोरा चोटी पर इस ऑब्जर्वेटरी की स्थापना की गई थी।
इस ऑब्जर्वेटरी के यहाँ स्थापित करने का मूल कारण यहाँ का मौसम था। आप शनिवार और रविवार के अलावा किसी भी दिन दोपहर 2 बजे से 4 बजे के बीच यहाँ जाकर अंतरिक्ष के अध्ययन के लिए स्थापित किये गए यंत्रों को देख सकते हैं।
ARIES जाने के लिए नैनीताल से प्राइवेट कैब मिल जाती हैं। यहाँ जाने से पहले ध्यान रहे कि यह ऑब्जर्वेटरी शनिवार और रविवार को बंद रहती है तथा दिन में 2 से 4 के बीच ही ऑब्जर्वेटरी में आम लोगों को प्रवेश दिया जाता है। हालाँकि यहाँ कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है।
10- लैंड’स एन्ड (Land’s End):
नैनीताल के इस पॉइंट पर पहुँच कर आप जरूर अपने आप को एक बार धन्यवाद बोलेंगे क्यूंकि यहाँ से कुमाऊँ क्षेत्र की पहाड़ियों का जो दृश्य सामने दिखाई देगा वो आप को कुछ क्षण के लिए स्तब्ध कर देगा। इस स्थान का नाम ‘लैंड’स एन्ड’ इसलिए ही रखा गया है क्यूंकि यहाँ के बाद आपको चारो तरफ खूबसूरत गहरी खाई दिखाई देगी और कई किलोमीटर दूर तक का सुन्दर और अद्भुत नजारा आप बड़े आराम से ले पाएंगे।
यहाँ पहुँचने के लिए आपको नैनीताल के मॉल रोड से कैब मिल जाएगी। आप अपनी कार अथवा मोटरबाइक से भी यहाँ पहुँच सकते हैं और कार पार्किंग से कुछ मीटर दूर तक पैदल चल कर आप ‘लैंड’स एन्ड पॉइंट’ पर पहुँच जाएंगे। यहाँ पहुँचने के उपरांत प्रकृति के खूबसूरत नज़ारे का आनंद उठाने के साथ-साथ थोड़ी सावधानी बरतने की भी आवश्यकता रहती है क्यूंकि गहरी खाई के तरफ कोई बॉउंड्री वॉल नहीं बनाया गया है।
11- मॉल रोड (Mall Road):
नैनीताल की आपकी यात्रा में मॉल रोड की अहम् भूमिका है। दूसरे शब्दों में कहें तो नैनीताल का मॉल रोड नैनीताल की ‘रीढ़ की हड्डी’ है क्यूंकि यह नैनीताल के दोनों छोरों तल्लीताल और मल्लीताल को एक साथ जोड़ता है। मॉल रोड के एक किनारे नैनी झील आपको अपनी ओर आकर्षित करती है तो दूसरी ओर इसके किनारे लगी दुकाने अपने पकवानो के साथ-साथ शॉपिंग के बड़े ही दिलचस्प मौके प्रदान करती हैं।
मॉल रोड के किनारे ढेर सारी दुकानों की एक लम्बी श्रृंखला है जहाँ आपको बड़े ही लजीज पकवान मिलते हैं। यहाँ मोमो खाने के शौकीनों के लिए अपने मोमो के प्यार को परवान चढ़ाने का बड़ा ही सुन्दर अवसर होता है। मॉल रोड वह जगह है जहाँ आप दिन या रात में बैठकर नैनी झील की खूबसूरती को निहार सकते हैं। मॉल रोड आपकी नैनीताल की यात्रा को एक सुखद अहसास देता है।
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