राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां बढ़ गई हैं क्यूंकि बिहार चुनाव की घोषणा होने वाली है। ऐसे में सभी पार्टियां अपने-अपने वादे-इरादे और मुद्दों का खेल खेलना शुरू कर दीं हैं। बिहार की मौजूदा सरकार अपने लोकलुभावन घोषणाओं के द्वारा अपनी कुर्सी बचाये रखने का प्रयास कर रही हैं वही विपक्षी पार्टियां सरकार की कमियों को गिनाकर अपनी पैठ बनाने के फ़िराक में है। इसी बीच बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने VRS ले लिया है जबकि उनका कार्यकाल अभी फ़रवरी 2021 तक था। उनके VRS लेने के बाद अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वह राजनीतिक पारी शुरू करने जा रहे हैं? बिहार के मौजूदा माहौल और समीकरण तो यही इशारा कर रहे हैं कि गुप्तेश्वर पांडेय चुनावी रण में उतरने की तैयारी में हैं।
मंगलवार को उन्होंने VRS के लिए अप्लाई किया था और मात्र 24 घंटे के अंदर ही राज्यपाल द्वारा उनकी VRS को स्वीकृत कर लिया गया था जिससे उनके चुनाव में उतरने की संभावना और बढ़ गई है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि वह 23 सितम्बर को लाइव आकर “मेरी कहानी, मेरी जुबानी” के माध्यम से लोगों से रुबरुं होंगे। पिछले कुछ समय से वह सोशल मीडिया पर भी बहुत अधिक एक्टिव थे और अपने कुछ वीडियोज भी सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते थे जो कहीं न कहीं लोगों में अपनी जान-पहचान बनाने का तरीका हो सकता है। मीडिया सूत्रों से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह NDA के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
पहले भी ले VRS ले चुके हैं-
यह पहली बार नहीं है जब गुप्तेश्वर पांडेय VRS लिए हैं। इसके पहले भी वह VRS लेकर चुनाव की तैयारी कर चुके हैं। दरअसल वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव के समय उन्होंने बीजेपी के सीट पर बक्सर से चुनाव लड़ने के लिए VRS लिया था लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें कुछ राजनीतिक विवाद के वजह से टिकट नहीं मिल पाया था अतः उन्होंने राज्य सरकार से दुबारा नौकरी करने की अपील की थी जिसे नितीश सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया। अब लगभग 11 वर्ष बाद अब वही कहानी दुबारा शुरू हुई है और उन्होंने VRS लिया और जल्द ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर सकते हैं।
गुप्तेश्वर पांडेय हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत केस में तब चर्चा में आये थे जब उन्होंने रिया चक्रवर्ती को कहा था कि “उनकी औकात नहीं है कि वह नितीश कुमार पर टिपण्णी करें”। गुप्तेश्वर पांडेय के VRS को 24 घंटे से कम समय में ही मंजूरी मिलने पर रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदें ने ट्वीट कर चुटकी ली है कि 24 घंटे से भी कम समय में VRS की मंजूरी मिलना ठीक उसी तरह है जैसे सुशांत सिंह राजपूत केस में रिया चक्रवर्ती के लिए खिलाफ 24 घंटे से कम समय में सीबीआई जाँच की मंजूरी मिल गई थी।
बिहार में शराब बंदी में अहम् योगदान-
बहुत कम लोगों को पता होगा कि बिहार में नितीश सरकार द्वारा वर्ष 2015 में शराब बैन किये जाने के बाद उसे लागू करवाने और लोगों में जागरूकता फ़ैलाने में गुप्तेश्वर पांडेय का अहम् योगदान रहा था। उन्होंने पुरे बिहार में कैम्पेन चलाकर लोगों को शराब से होने वाली हानि से अवगत कराया। बिहार की महिलाओं का उन्हें भरपूर सहयोग मिला। वर्ष 2018 में उन्हें जन चेतना फाउंडेशन द्वारा नशा मुक्ति अभियान के लिए सम्मानित भी किया गया था।
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