इस दुनिया में इंसान अपने जीवन को हंसी ख़ुशी जीने के लिए अनेक प्रयास करता है लेकिन कभी-कभी किसी दूसरे के बेवजह जिंदगी में घुस आने से इंसान का सारा प्रयास बेकार चला जाता है और सारी खुशियां साथ छोड़ जाती हैं। आज कल कुछ ऐसा ही हाल हो गया है हाथरस की उस लड़की के परिवार वालों का जिनकी बेटी किसी दूसरे के द्वारा उठाये गए घिनौने कदम के कारण उनका साथ छोड़ चली गई।
14 सितम्बर, हादसे का दिन
दरअसल यह मामला उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र के अंतर्गत बुलगढ़ी गाँव का है। 14 सितम्बर को इस गाँव की एक 19 वर्षीय लड़की अपने माँ के साथ खेतों में चारा काटने गई थी। चारा काटते-काटते वह अपने माँ से बिछड़ कर थोड़ी दूर चली गई लेकिन उस लड़की को इस बात का बिलकुल भी अंदाजा ना था कि माँ से ये थोड़ा दूर होना उसे उसके माँ से हमेशा के लिए दूर कर देगा। लड़की अभी चारा काट ही रही थी कि तभी उसके ही गाँव के 4 लड़के ठाकुर संदीप सिंह, लवकुश सिंह, रामकुमार उर्फ़ रामू और रवि सिंह वहां पहुँच गए। लड़की को अकेला देखकर उन लोगों ने उसके साथ जबरदस्ती करनी चाहीं। लड़की के विरोध करने पर उनके द्वारा उसे मारा-पीटा भी गया यहाँ तक कि उसके जीभ भी काट दिए गए। उन चारों ने उस बेचारी के साथ अपनी हवस पूरी की और उसे जान से मारना चाहे। बाद में वे लोग उसे मरा समझ कर भाग गए।
22 सितम्बर, जब लड़की को होश आया
लड़की की माँ जब अपनी बेटी को ढूंढते हुए वहां पहुंची तो बेटी के इस हालत को देखकर वह दंग रह गई। परिवारीजनों के मदद से उसे अलीगढ़ के जे.एन. हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। जहाँ उसकी हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई थी। डॉक्टरों के अथक प्रयास के बाद करीब 8 दिन बाद 22 सितम्बर को लड़की को होश आया। होश आने पर लड़की ने सभी आरोपियों के नाम बताये और अपने साथ हुई दरिंदगी की कहानी बताई। लड़की के होश में आने के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 307 और 376 D के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया।
27 सितम्बर, सभी आरोपी गिरफ्तार हुए
पुलिस द्वारा जगह-जगह दबिश देकर चारों आरोपियों को 27 सितम्बर तक गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि इस केस में पुलिस द्वारा लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप भी लग रहे हैं कि पुलिस ने समय रहते मामले में जाँच-पड़ताल नहीं शुरू की। उत्तर प्रदेश में विपक्षी पार्टियों द्वारा भी आरोप लगाया कि आरोपी किसी विशेष जाति के हैं इसलिए पुलिस कार्यवाही करने से पीछे हट रही थी। हालाँकि जब यह मामला तूल पकड़ने लगा और चारों तरफ से प्रेसर बढ़ा तो पुलिस ने इस ओर ध्यान दिया।
29 सितम्बर, जब एक और निर्भया यह दुनिया छोड़ गई
सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद 29 सितम्बर की सुबह 6 बजे उस लड़की ने दम तोड़ दिया और इस दुनिया से रुखसत हो गई। शायद यह दुनिया और इसके वहशी लोगों से उसका मन दुखी हो गया हो और उसमे और अधिक जीने की हिम्मत ना बची हो। वह लड़की इस दुनिया से चली तो गई लेकिन हम सभी के सामने कई प्रश्न छोड़ कर गई है कि आखिर कब तक इस तरह के व्यवहार लड़कियों के साथ होते रहेंगे? आखिर कब ये दुनिया समझेगी कि महिला का जीवन इस दुनिया में अमूल्य और महान होता है लेकिन हम उसे अपनी हवस मिटाने की चीज समझ बैठते हैं।
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