अब तक हम सभी ने दुनिया भर के अलग-अलग किस्म और खासियत वाले दरवाजों के बारे में पढ़ा होगा लेकिन आज हम पढ़ने जा रहे हैं एक ऐसे दरवाजे के बारे में जिसे ‘खूनी दरवाजा’ के नाम से जाना जाता है।
कहाँ स्थित है यह खूनी दरवाजा:
खूनी दरवाजा अपने देश की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है। यह दरवाजा दिल्ली में फिरोज शाह कोटला स्टेडियम के पास बहादुर शाह जफ़र मार्ग पर स्थित है। वैसे तो यह मुख्य मार्ग के समीप है लेकिन इसका नाम सुनने के बाद किसी भी व्यक्ति में इतनी हिम्मत नहीं आएगी कि वह यहाँ जाकर घूमने का मजा ले।
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किसके द्वारा बनवाया गया:
दिल्ली पर अधिकतर शासन सुल्तानों और मुग़लों का रहा है परन्तु इसका निर्माण शेर शाह सूरी ने करवाया था जो कि दिल्ली पर अकबर के पहले शासन किया था। शेर शाह सूरी अकबर के पिता हुमायूँ को हराकर दिल्ली की गद्दी पर आसीन हुआ था।
क्यों इसे खूनी दरवाजा कहा जाता है:
जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है कि इतिहास में इस दरवाजे का खून से जरूर घनिष्ट सम्बन्ध रहा होगा। दरअसल इसका यह नाम पड़ने के पीछे कई कारण थे। जैसे कि:
कहा जाता है कि अकबर की मृत्यु के उपरांत जब उसका बेटा जहांगीर दिल्ली की राजगद्दी पर बैठा तो अकबर के नौरत्नों में से कुछ के द्वारा उसका विरोध किया गया। उन्ही में से एक अब्दुल रहीम खान-ए-खाना के दो बेटों की हत्या जहांगीर द्वारा करवा दी गई। उनके हत्या के बाद उनके शवों को इसी गेट पर सड़ने के लिए छोड़ दिया गया ताकि दूसरे लोग देख सकें और लोगों में भय पैदा हो सके।
उसके उपरांत मुग़ल शासक औरंगजेब और उसके बड़े भाई दारा-शिकोह के बीच जब शासक बनने को लेकर युद्ध हुआ तो युद्ध के उपरांत औरंगजेब ने दारा-शिकोह का सर काटकर इसी गेट पर लोगों को देखने के लिए लटका दिया था ताकि लोगों में उसके प्रति भय प्रकट हो सके।
वर्ष 1857 की क्रांति के समय भी ब्रिटिश सैन्य अधिकारी मेजर हडसन ने बहादुर शाह जफ़र के तीन बेटों को इस गेट के पास विरोध करने के कारण गोली मरवा दिया था।
अतः इस प्रकार समय-समय पर इस गेट के पास हुए हिंसक घटनाओं के कारण इस गेट का नाम ही खूनी दरवाजा पड़ गया है।
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