भारत के दक्षिणी-पश्चिमी भाग में स्थित केरल एक बहुत ही खूबसूरत प्रदेश है। इस प्रदेश की स्थापना भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत 1 नवंबर 1956 को हुई थी। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में हैं और यह केरल का सबसे बड़ा शहर भी है। केरल तथा केरल के व्यक्तियों का भारत के विकास में अहम् योगदान है जिसको ध्यान में रखते हुए आज हम केरल के कुछ अत्यंत प्रसिद्ध व्यक्तियों के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं जिनका सम्बन्ध केरल राज्य से है।
राजा रवि वर्मा (Raja Ravi Varma):
जन्म:
भारत में यदि पेंटिंग की बात हो तो सबसे पहले सबकी जुबान पर केरल के प्रसिद्ध पेंटर राजा रवि वर्मा का नाम आता है। राजा रवि वर्मा का सम्बन्ध केरल के त्रावणकोर के राजशाही परिवार से था। इनका जन्म 29 अप्रैल 1848 को त्रावणकोर के कलिमानूर महल में हुआ था। इनकी माता एक लेखक जबकि इनके पिता संस्कृत और आयुर्वेद के बड़े विद्वान थे। 18 वर्ष की आयु में ही इनका विवाह भागीरथी बाई से हो गया था।
उपलब्धि:
राजा रवि वर्मा अपने पेंटिंग्स के लिए धीरे-धीरे पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गए थे। उनकी बनाई पेंटिंग्स को दुनिया भर के प्रदर्शनी में शामिल किया जाता था। वर्ष 1893 में शिकागो में आयोजित एक प्रदर्शनी में उन्हें 3 गोल्ड मेडल भी मिले थे। भारतीय पौराणिक कथाओं को उन्होंने भलीभातिं अपने पेंटिंग्स में शामिल किया था। उनकी पेंटिंग्स में अर्जुन, द्रौपदी, भगवान् श्री कृष्ण, भगवान् श्री राम, माता सीता, नाला, दमयंती, जटायु इत्यादि का विवरण मिलता है। उन्हें केसर-ए-हिन्द से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1971 में उनके सम्मान में स्टाम्प टिकट भी जारी किया गया। राजा रवि वर्मा 2 अक्टूबर 1906 को स्वर्ग सिधार गए।
अदि शंकराचार्य (Adi Shankaracharya):
भारतीय सनातन धर्म के इतिहास में आदि शंकराचार्य जी का बहुत ही अहम् योगदान है। इनका जन्म वर्तमान केरल राज्य में तत्कालीन चेर साम्राज्य के अंतर्गत कालड़ी नामक स्थान पर हुआ था। आदि शंकराचार्य को सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए जाना जाता है। जिस समय दुनिया में सनातन धर्म के उलट बौद्ध धर्म का विस्तार हो रहा था उस समय आदि शंकराचार्य ने बौद्ध धर्म के अनेक बड़े-बड़े विद्वानों को शास्त्रार्थ में पराजित किया।
इन्हे भगवान् शिव ही का रूप माना जाता है। इन्होने पुरे भारतवर्ष में पैदल घूमकर सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार किया। इनके द्वारा 4 प्रमुख मठों की स्थापना की गई थी। कर्नाटक के चिकमंगलूर में श्रृंगेरी मठ, उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में ज्योतिर्मठ, गुजरात राज्य के द्वारका में कालिका मठ और ओडिशा राज्य के जगन्नाथपुरी में गोवर्धन मठ की स्थापना इनके द्वारा की गई थी। इनकी मृत्यु उत्तराखंड के केदारनाथ में हुई थी।
के.आर.नारायणन (K.R. Narayanan):
भारत के पूर्व राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पद को सुशोभित कर चुके स्वर्गीय के.आर.नारायणन का सम्बन्ध भी केरल राज्य से था। उनका जन्म 4 फ़रवरी 1921 को केरल राज्य के कोट्टायम जिले में हुआ था। के.आर.नारायणन भारत के पहले दलित समुदाय के व्यक्ति थे जिन्होंने राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया। उन्होंने स्कॉलरशिप की मदद से ‘लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स’ से अपनी पढाई पूरी की थी।
पढाई पूरी करने के उपरांत नारायणन भारतीय विदेश सेवा में आ गए है। पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार में उन्होंने अलग-अलग देशों जैसे अमेरिका, जापान, थाईलैंड इत्यादि में भारतीय राजदूत के रूप में अपनी सेवा प्रदान की। उन्हें राजनीति में लाने का मुख्य श्रेय इंदिरा गाँधी को जाता है। इंदिरा गाँधी के आग्रह पर उन्होंने राजनीति में कदम रखा और 3 बार लोकसभा के लिए चुने गए।
राजीव गांधी सरकार में वे राज्य मंत्री भी रहे तथा उसके उपरांत वर्ष 1992 में भारत के 9वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए। इसके उपरांत वर्ष 1997 से वर्ष 2002 तक वे भारत के राष्ट्रपति भी रहे थे। 9 नवंबर 2005 को के.आर.नारायणन स्वर्ग सिधार गए।
ई. श्रीधरन (E. Sreedharan):
वह व्यक्ति जिसने भारत में मेट्रो को ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में जन-जन तक पहुँचाया और जिसने आम भारतीय के जीवन को इतना आसान बनाने में अहम् भूमिका निभाई उनका नाम ई.श्रीधरन है। ई. श्रीधरन को भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में ‘मेट्रो मैन’ के उपनाम से भी जाना जाता है। इनका जन्म 12 जून 1932 को केरल के पलक्कड़ जिले में हुआ था।
ई.श्रीधरन ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के उपरांत काकीनाड़ा के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की पढाई पूरी की। उन्होंने अपनी शिक्षा का उपयोग अपने वास्तविक जीवन में भलीभातिं किया और देश को विकास के पथ पर आगे पहुँचाने में अहम् भूमिका अदा की।
वर्ष 1970 में उन्होंने कोलकाता मेट्रो में अपनी सेवा दी। कोंकण रेलवे के विकास में उनका अहम् योगदान रहा। दिल्ली मेट्रो का कार्य ई. श्रीधरन के प्रयास और लगन के बिना संभव ना हो पाता। इसके अलावा वे कोच्चि मेट्रो, लखनऊ मेट्रो, जयपुर मेट्रो, विशाखापत्तनम मेट्रो सहित अन्य मेट्रो प्रोजेक्ट्स में मुख्य सलाहकार की भूमिका में रहे हैं। वर्तमान में वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं तथा ‘माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड’ के सदस्य के रूप में भी कार्यरत हैं।
मोहनलाल (Mohanlal):
भारतीय सिनेमा में अतुलनीय योगदान देने वाले मलयाली फिल्म अभिनेता, पार्श्व गायक, डायरेक्टर, डिस्ट्रीब्यूटर मोहनलाल का भी सम्बन्ध केरल राज्य से है। मोहनलाल का जन्म 21 मई 1960 को केरल राज्य के पत्तनमथीट्टा जिले के इलान्थूर में हुआ था। 18 वर्ष की आयु में ही मोहनलाल अभिनेता बन गए थे। उन्होंने मलयाली फिल्मों के अलावा तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी काम किया है। अब तक उन्होंने लगभग 400 से अधिक फिल्मों में काम किया है। पिछले 40 वर्ष से अधिक समय से वे भारतीय सिनेमा में अपना योगदान दे रहे हैं।
मोहनलाल अपने पूरे फ़िल्मी करियर में 9 बार नेशनल फिल्म अवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं। उन्हें 9 बार “केरल स्टेट फिल्म सम्मान” से भी सम्मानित किया जा चुका है। वे पहले भारतीय अभिनेता हैं जिन्हे वर्ष 2009 में भारतीय सेना में लेफ्टनेंट कर्नल की मानद उपाधि दी गई है।
मम्मूटी (Mammootty):
भारतीय फिल्म अभिनेता मम्मूटी का सम्बन्ध केरल राज्य से है। मम्मूटी का पूरा नाम मुहम्मद कुट्टी पंपराम्बिल इस्माइल है। भारतीय सिनेमा के साथ-साथ मलयाली सिनेमा में मम्मूटी का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने अपने 5 दशक के फ़िल्मी करियर में 400 से अधिक फिल्मों में काम किया है। उन्हें 3 बार बेस्ट एक्टर के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के साथ-साथ 7 बार केरल स्टेट फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
मम्मूटी ने मलयाली फिल्मों के अलावा तेलुगु, तमिल, हिंदी, कन्नड़ सहित अन्य भाषाओँ की फिल्मों में भी कार्य किया है। मलयाली फिल्मों में उनके योगदान को देखते हुए केरल यूनिवर्सिटी तथा कालीकट यूनिवर्सिटी के द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि से भी सम्मानित किया गया है। मम्मूटी के बेटे दुलकर सलमान भी मलयाली फिल्मों के साथ-साथ भारतीय सिनेमा में एक अभिनेता के रूप में उभर रहे हैं।
वर्गीज कुरियन (Verghese Kurien):
भारत में सफ़ेद क्रांति के जनक माने जाने वाले वर्गीज का कुरियन का भी सम्बन्ध केरल राज्य से है। वर्गीज कुरियन का जन्म 26 नवंबर 1921 को केरल राज्य के कोझिकोड जिले में एक सीरियन क्रिस्चियन परिवार में हुआ था। उनके मामा जॉन मथाई भारत के पहले रेल मंत्री थे।
वर्गीज कुरियन के ही प्रयासों से भारत दुग्ध उत्पादन में दुनिया भर में प्रथम स्थान पर पहुँच सका है। उनके दिशा-निर्देशों के फल-स्वरुप ही दुग्ध उत्पादकों को उनका उचित दाम भी मिल पाया। वर्गीज कुरियन ने गुजरात स्थित अमूल (Anand Milk Utpadak Ltd.) प्लांट को उसके ऊंचाई तक पहुँचाया। उनके द्वारा दुग्ध उत्पादन और उनसे बनने वाले उत्पादों पर अनेक सफल प्रयोग किये गए जिससे देश भर के लोगों तक दूध की पहुँच बढ़ी और दूध उत्पादकों को उनका उचित मूल्य भी।
वर्गीज कुरियन को उनके अतुलनीय कार्यों के लिए विभिन्न सम्मानों से सम्मानित भी किया गया। उन्हें पदम् श्री, पदम् भूषण, पदम् विभूषण, वर्ल्ड फ़ूड प्राइज, वाटलर पीस प्राइज, कृषि रत्न, रेमन मैग्सेसे पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। 9 सितम्बर 2012 को गुजरात में उन्होंने अपनी अंतिम साँस ली और अपने बनाये इस खूबसूरत दुनिया से विदा हो गए।
अरुंधति रॉय (Arundhati Roy):
भारत की मशहूर और विवादित लेखिका अरुंधति रॉय का सम्बन्ध भी केरल राज्य से है। दरससल अरुंधति की माँ मैरी रॉय एक मलयाली क्रिस्चियन थीं जबकि उनके पिता राजीब रॉय एक बंगाली हिन्दू थे। अरुंधति के बचपन में ही उनके माँ-पिता अलग हो गए और उनकी माँ उन्हें और उनके भाई को लेकर केरल आ गई थीं और केरल में ही अरुंधति का बचपन और युवा अवस्था बीता। उन्होंने अपनी पूरी शिक्षा केरल राज्य में ही प्राप्त की।
अरुंधति रॉय को पूरी दुनिया में ख्याति उनकी बुक “The God of Small Things” के कारण मिली। उनकी यह बुक वर्ष 1997 में पब्लिश हुई थी और उसी वर्ष उनकी बुक को ‘Man Booker Prize’ भी मिला। यह बुक अमेरिका में बेस्ट सेलर रही रही थी। इसके पश्चात अरुंधति ने कई किताबे लिखीं हैं जिनमे कुछ प्रमुख किताबें हैं The Algebra of Infinite Justice, Power Politics, Walking with Comrades, Kashmir: The Case of Freedom, The Ministry of Utmost Happiness इत्यादि।
फातिमा बीवी (Fathima Beevi):
भारतीय सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बनने वाली फातिमा बीवी का भी सम्बन्ध केरल राज्य से है। वह किसी उच्च न्यायालय में एक जज के रूप में नियुक्त होने वाली भारत की पहली मुस्लिम महिला भी थीं। फातिमा बीवी का जन्म केरल के पत्तनमथिट्टा जिले में 30 अप्रैल 1927 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढाई अपने जिले से ही पूरी की जबकि उच्च शिक्षा केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से प्राप्त की।
फातिमा बीवी 6 अक्टूबर 1989 से 29 अप्रैल 1992 तक सुप्रीम कोर्ट की जज रहीं थीं। वर्ष 1993 से वर्ष 1997 तक वह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सदस्य भी रहीं थीं। तत्पश्चात 25 जनवरी 1997 से 3 जुलाई 2001 तक उन्होंने तमिलनाडु राज्य के राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएं प्रदान की थीं। वर्तमान समय में फातिमा बीवी की आयु 95 वर्ष है।
पी.टी. ऊषा (P. T. Usha):
तेज भारतीय धावक पी.टी. ऊषा का सम्बन्ध भी भारतीय राज्य केरल से है। पी.टी. ऊषा का जन्म 27 जून 1964 को केरल के कोझिकोड जिले के कुत्ताली में हुआ था। उन्हें गोल्डन गर्ल और पायोली एक्सप्रेस के नाम से भी जाना जाता है। पी.टी. ऊषा वर्ष 1976 से 2000 तक खेल के मैदान पर सक्रिय रहीं थी तदुपरांत उन्होंने भारतीय रेलवे में नौकरी कर लिया था।
अपने करियर के शुरूआती दिनों में ही उन्होंने कई गोल्ड मेडल जीते। वर्ष 1978 में केरल के कोल्लम में आयोजित एक अन्तर्राज्यी प्रतिस्पर्धा में उन्होंने 6 गोल्ड मेडल जीते। वर्ष 1985 के जकार्ता एशियाई चैंपियनशिप में पी.टी. ऊषा ने 5 गोल्ड मेडल और 1 ब्रॉन्ज मेडल जीता। उन्होंने अपने जीवन काल में अनेक उपलब्धियां हासिल की। उनके उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए आई.आई.टी. कानपुर, कालीकट यूनिवर्सिटी, कन्नूर यूनिवर्सिटी ने उन्हें ऑनररी डॉक्ट्रेट की उपाधि प्रदान की। वर्ष 1985 में भारत सरकार ने उन्हें पदम् श्री से सम्मानित किया।
गीता गोपीनाथ (Geeta Gopinath):
इंटरनेशनल मॉनेटरी फण्ड (IMF) में बतौर डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर कार्य कर रही गीता गोपीनाथ का भी सम्बन्ध भारतीय राज्य केरल से है। वैसे तो गीता गोपीनाथ का जन्म कोलकाता में हुआ था परन्तु उनके माता-पिता टी.वी. गोपीनाथ और वी.सी. विजयलक्ष्मी मलयाली हैं। दो बहनों में छोटी गीता गोपीनाथ ने अपनी प्रारंभिक पढाई मैसूर से करने के उपरांत बैचलर ऑफ़ आर्ट्स (BA) की पढाई दिल्ली यूनिवर्सिटी के ‘लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वीमेन’ से पूरी की। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ही कॉलेज ‘दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स’ से अपने मास्टर ऑफ़ आर्ट्स (MA) की पढाई पूरी की।
तदुपरांत उन्होंने एक बार फिर से यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका के ‘यूनिवर्सिटी ऑफ़ वाशिंगटन’ से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स की डिग्री ली। गीत गोपीनाथ के जीवन की गाड़ी धीरे-धीरे प्रगति के पथ पर अग्रसर होती रही और एक दिन ऐसा भी आया जब वह इंटरनेशनल मॉनेटरी फण्ड (IMF) जैसे विश्वस्तरीय संस्था में बतौर चीफ इकोनॉमिस्ट चुनी गईं।
गीता गोपीनाथ को टाइम मैगज़ीन के द्वारा ‘Women who broke major barriers to become firsts’ की सूची में शामिल किया गया। भारतीय राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 2019 में उन्हें ‘प्रवासी भारतीय सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
एस. श्रीसंत (S. Shreesanth):
भारतीय क्रिकेट टीम के हिस्सा रह चुके मध्यम पेसर बॉलर एस. श्रीसंत का भी सम्बन्ध केरल राज्य से है। एस. श्रीसंत का पूरा नाम ‘संतकुमारन नायर श्रीसंत’ है। इनका जन्म 6 फ़रवरी 1983 में केरल राज्य के एर्नाकुलम जिले के कोठमंगलम में हुआ था। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 25 अक्टूबर 2005 को भारतीय क्रिकेट टीम में डेब्यू किया था। उन्होंने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट ओडीआई, टेस्ट क्रिकेट, टी-20 में खेला था। टी-20 क्रिकेट के पहले विश्वकप में वे भारतीय टीम के अंग रहे थे।
उन्होंने आईपीएल में भी राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेला था परन्तु वर्ष 2013 में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगने के बाद उन्हें क्रिकेट से बैन कर दिया गया। क्रिकेट बैन समाप्त होने के उपरांत फिर से उन्होंने केरल राज्य के क्रिकेट टीम को ज्वाइन किया परन्तु मार्च 2022 में उन्होंने क्रिकेट से सन्यास ले लिया। श्रीसंत क्रिकेट प्लेयर के साथ-साथ फिल्म एक्टर भी हैं।
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